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मप्र को इंडस्ट्रियल और एग्रीकल्चर हब बनाएंगी राजमार्ग परियोजनाएं : गडकरी

January 31, 2024

– केंद्रीय मंत्री गडकरी ने किया आठ हजार करोड़ से अधिक लागत की 499 किमी लम्बाई की 15 सड़क योजनाओं का शिलान्यास

भोपाल (Bhopal)। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Union Road Transport and Highways Minister Nitin Gadkari) ने कहा कि सड़क परियोजनाओं (road projects) से मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) को इंडस्ट्रियल और एग्रीकल्चर हब (become industrial and agricultural hub) बनाने में मदद मिलेगी। मध्य प्रदेश में सड़क नेटवर्क बेहतर बनाने के लिए नए कार्य प्रारंभ किये जा रहे हैं। इस वर्ष के अंत तक अनेक कार्य पूर्ण होंगे। प्रदेश में सड़कों के निर्माण से निवेश आएगा, निर्यात भी बढ़ेगा। रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे और निर्धनता को दूर करने में मदद मिलेगी।

केंद्रीय मंत्री गडकरी मंगलवार शाम को भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर सड़क परियोजनाओं के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ सिंगल क्लिक से 499 किलोमीटर लंबाई की 15 राष्ट्रीय राजमार्ग सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इनकी लागत 8038 करोड़ रुपये है।


स्थानों की दूरियां होंगी कम
गडकरी ने कहा कि सड़कों का निर्माण विकास की अनेक संभावनाओं को साकार करता है। मालवा का आटा अनेक देशों में पसंद किया जाता है। इसके निर्यात में नई सड़क संरचनाएं उपयोगी होंगी। उन्होंने बताया कि उज्जैन में रेलवे स्टेशन से बाबा महाकाल मंदिर तक रोप-वे के संचालन का प्रकल्प महत्वपूर्ण है। आगामी महीने में 171 करोड़ रुपये के इस प्रकल्प के लिए निविदा की कार्यवाही करने की तैयारी है। उज्जैन से कोटा की दूरी सिर्फ ढाई घंटे में पूरी की जा सकेगी।

उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण कार्यों में उज्जैन से गरोठ 136 किलोमीटर की फोर लेन भी शामिल है। इंदौर से ओंकारेश्वर की दूरी एक घंटे में तय हो जाएगी। वर्ष 2025 तक अनेक कार्य पूरे होंगे। जिसमें इंदौर-हैदराबाद कॉरिडोर भी शामिल है। कई ग्रीन एक्सप्रेस हाईवे भी बन रहे हैं। मध्यप्रदेश के 27 सड़क निर्माण प्रस्तावों को शीघ्र स्वीकृति दी जा रही है। भोपाल झीलों का शहर है। झील पर रोप-वे और केबल कार के मध्यप्रदेश सरकार के प्रस्तावों को शीघ्र स्वीकृति दी जाएगी।

गडकरी ने कहा कि मुम्बई-दिल्ली कॉरिडोर पूरा होने से मध्यप्रदेश से दोनों महानगरों तक आना-जाना का कार्य 5-6 घंटे में हो जाएगा। यह काम इसी वर्ष पूरा होने की आशा है। ग्रीन फील्ड हाई-वे के अंतर्गत ग्वालियर, आगरा और ग्वालियर-दिल्ली की यात्रा कम समय में पूरी की जा सकेगी। इसके साथ ही भोपाल से कानपुर की यात्रा भी नए कॉरिडोर के निर्माण से सात-आठ घंटे में ही पूरी हो जाएगी जो वर्तमान में पंद्रह घंटे में होती है। सागर से कानपुर की दूरी में 21 किलोमीटर की कमी आएगी। भोपाल- सागर फोर लेन सड़क जिसकी लम्बाई 170 किलोमीटर है, एक वर्ष में बन जाएगा। इसकी लागत 4 हजार करोड़ रुपए है। उन्होंने मध्यप्रदेश में राजमार्गों के विकास के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।

कार्यक्रम मों मुख्यमंत्री डॉ. यादव, लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने भी संबोधित किया, जबकि केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़े और अपने विचार व्यक्त किए।

प्रारंभ में केंद्रीय मंत्री गडकरी और मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सड़कों के निर्माण, ऑनलाइन और परिवहन साधनों के विस्तार पर केंद्रित चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कार्यक्रम में गडकरी को राम दरबार भी भेंट किया गया। कार्यक्रम में प्रदेश के मंत्रीगण प्रहलाद पटेल, विश्वास सारंग, नारायण सिंह कुशवाह, नारायण सिंह पवार, कृष्णा गौर, दिलीप अहिरवार, लखन पटेल, सांसदगण रमाकांत भार्गव, संध्या राय, जीएस डामोर, दुर्गादास, रोडमल नागर, विधायकगण रामेश्वर शर्मा, भगवानदास सबनानी, विष्णु खत्री, भोपाल महापौर मालती राय और अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

धार्मिक पर्यटन नगर, व्यापार उद्योग केंद्र होंगे लाभान्वित
इन परियोजनाओं से महाकौशल क्षेत्र के गेहूं और धान कृषि व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों तक कनेक्टिविटी आसान होगी, कटनी के कोयला खदान उद्योग को लाभ मिलेगा। प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल विश्व धरोहर स्मारक स्थल खजुराहो, रामराजा की नगरी ओरछा, राष्ट्रीय पेंच टाइगर कॉरीडोर तक कनेक्टिविटी आसान होगी। यही नहीं बुधनी टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज और वुड क्राफ्ट व्यापार को लाभ मिलेगा साथ ही मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और दिल्ली राज्यों के बीच व्यावसायिक एवं नागरिक यातायात सुगम होगा।

मप्र के लिए 10 हजार करोड़ के सड़क निर्माण कार्य महत्वपूर्ण उपलब्धि: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि दस हजार करोड़ रुपये के सड़क निर्माण कार्यों की शुरुआत एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। आज जबलपुर में नौ और भोपाल में 15 सड़क परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास हुआ है। इन 24 सड़क परियोजनाओं की लागत 10 हजार करोड़ से अधिक है। मध्यप्रदेश सड़क निर्माण के नए कार्यों के साथ ही आवागमन के हवाई साधनों और केबल कार, रोप-वे जैसे साधनों के प्रयोग में भी आगे बढ़ रहा है। राजमार्गों के निर्माण से प्रदेश के सभी क्षेत्रों को लाभ मिलेगा। औद्योगिक गतिविधियां भी तेज होंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गत 70 वर्ष में पांच हजार किलोमीटर के मार्ग तैयार हुए थे, लेकिन गत दस वर्ष में इतने ही अर्थात पांच हजार किलोमीटर के नए मार्ग बने हैं। मध्यप्रदेश उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम आने जाने वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण रहा है। काल के प्रवाह में परिस्थितियां बदलने से कुछ फर्क पड़ा। अब नए राजमार्गों के निर्माण से प्रदेश के न सिर्फ 17 जिले, बल्कि पूरा प्रदेश लाभान्वित होगा। भोपाल की बड़ी झील से केबल कार और रोप- वे के संचालन पर विचार हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्री गडकरी ने ईधन के वैकल्पिक साधनों के प्रयोग पर बल दिया है। अब विद्युत वाहन भी बड़ी संख्या में चल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने गडकरी द्वारा किए गए नवाचारों के लिए भी सराहना की। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग के उन कार्यों के महत्व पर भी प्रकाश डाला, जिनका आज शिलान्यास हुआ।

केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन मध्यप्रदेश के लिए ऐतिहासिक है। आज जिन कार्यों का शिलान्यास हुआ है, वे पूरे प्रदेश के लिए उपयोगी हैं। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने सड़कों की लम्बाई के विस्तार के साथ ही कार्यों की गुणवत्ता भी सुनिश्चित की है। मध्यप्रदेश में सड़कों के विस्तार के साथ ही सिंचाई और ऊर्जा क्षेत्र में भी प्रगति हो रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में गत डेढ़ माह में सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य हुआ है। सिंधिया ने आशा जताई कि मध्यप्रदेश तेज गति से विकास करेगा। मप्र विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सड़कों से देश के चारों कोनों को जोड़ने का कार्य हो रहा है। भारत, वर्ष 2047 में विकसित भारत के रूप में दिखाई देगा।

लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में आवागमन सुगम हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव विकास के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। लोक निर्माण विभाग लोक कल्याण के उद्देश्य से कार्य करते हुए गुणवत्ता से समझौता नहीं करेगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्री  गडकरी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने जन प्रतिनिधियों के सुझावों पर भी निरंतर ध्यान दिया है। कार्यक्रम को केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने भी संबोधित किया।

परियोजनाएं एक नजर में
जिन परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ, उनमें एन.एच.-46 के 1239 करोड़ लागत के 17 किमी लंबे अयोध्या बायपास खण्ड के छह-लेन चौड़ीकरण कार्य, एन.एच. 146 बी के 805 करोड़ की लागत के 28 किमी लंबाई के बुधनी से शाहगंज खण्ड का चार लेन चौड़ीकरण, एन.एच.-146 बी के 784 करोड़ लागत के 40 किमी लंबे शाहगंज से बाड़ी खण्ड का चार-लेन चौड़ीकरण, एन.एच. 552 (विस्तारित) 493 करोड़ लागत की 27 किमी लंबी मुरैना, अम्बाह एवं पोरसा बायपास का दो लेन (पेव्ड शोल्डर के साथ) सड़क निर्माण, एन.एच.-552 (विस्तारित) के 483 करोड़ लागत से 48 किमी लंबाई के मध्यप्रदेश/राजस्थान सीमा से श्योपुर-गोरस का दो-लेन (पेव्ड शोल्डर के साथ) सड़क निर्माण, एन.एच. 752 बी का 120 करोड़ की लागत से 6 किमी लंबाई के ब्यावरा बायपास का दो लेन (पेव्ड शोल्डर के साथ) सड़क निर्माण, एन.एच.-752 सी पर 214 करोड़ की लागत से 11 किमी लंबे शुजालपुर बायपास का दो-लेन (पेव्ड शोल्डर के साथ) सड़क निर्माण, एन.एच 347 सी पर 468 करोड़ लागत से 32 किमी लंबे कसरावद, सेलानी, खरगौन एवं बिस्टान बायपास का दो लेन (पेव्ड शोल्डर के साथ) सड़क निर्माण, एन.एच.-552 (विस्तारित) पर 348 करोड़ की लागत से 22 किमी लंबाई के अटेर एवं भिण्ड बायपास का दो-लेन (पेव्ड शोल्डर के साथ) सड़क निर्माण, एन.एच. 347 सी पर 461 करोड़ की लागत से 56 किमी लंबाई के सरवरदेवला से पाल (म.प्र./महाराष्ट्र सीमा) खण्ड का दो लेन (पेव्ड शोल्डर के साथ) सड़क निर्माण, एन.एच.-552 (विस्तारित) के 417 करोड़ की लागत से 63 किमी लंबे गोरस से श्यामपुर मार्ग का दो-लेन (पेव्ड शोल्डर के साथ) सड़क निर्माण, एन.एच. (विस्तारित) के 1080 करोड़ लागत से 55 किमी लंबाई के श्यामपुर से सबलगढ़ मार्ग का दो लेन (पेव्ड शोल्डर के साथ) सड़क निर्माण, एन.एच.-56 के 371 करोड़ की लागत से 28 किमी लंबे दाहोद (गुजरात सीमा) से अम्बुआ खण्ड का दो-लेन (पेव्ड शोल्डर के साथ) सड़क निर्माण, एन.एच. 346 पर 426 करोड़ की लागत से 42 किमी लंबाई के पिछोर से दिनारा मार्ग का दो लेन (पेव्ड शोल्डर के साथ) सड़क निर्माण और एन.एच.-347 ए के 329 करोड़ की लागत से 24 किमी लम्बाई के मुलताई से मध्यप्रदेश/महाराष्ट्र सीमा तक का दो-लेन (पेव्ड शोल्डर के साथ) सड़क निर्माण कार्यों का शिलान्यास शामिल है।

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