जबलपुर। बक्सवाहा के जंगल में 25 हजार वर्ष पूर्व के अतिप्रचलित रॉक पेंटिंग मिलने व उसे पुरातात्विक महत्व की संपदा घोषित किये जाने को लेकर दायर जनहित याचिका को हाईकोर्ट ने काफी गंभीरता से लिया। चीफ जस्टिस मोह. रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने शुक्रवार को मामले की प्रारंभिक सुनवाई पश्चात् पुरातत्व विभाग को मामले की स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये है। इसके साथ ही युगलपीठ ने केन्द्र व राज्य सरकार को भी जवाब पेश करने के निर्देश दिये है।
उल्लेखनीय है कि यह जनहित का मामला एनयूएमएम के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे की ओर से दायर की गई है। जिसमें कहा गया है कि बक्सवाहा में पायी गई देश की सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित करने के लिये उक्त याचिका दायर की गई है। जिसमें कहा गया है कि ऑर्कियालॉजिकल विभाग को रॉक पेंटिंग की जानकारी दी गई थी, इतना ही नहीं अखबारों में भी इस संबंध में समाचार प्रकाशित हुए है। इसके बावजूद भी पुरातत्व विभाग ने इसे संरक्षित क्षेत्र घोषित करने की कार्रवाई अभी तक नहीं की गई, जबकि इसी क्षेत्र में 364 हेक्टेयर भूमि में प्रस्तावित डायमंड माईनिंग की कार्रवाही कभी भी शुरु हो सकती है। मामले में शुक्रवार को हुई प्रारंभिक सुनवाई दौरान पुरातत्व विभाग की ओर से कहा गया कि कुछ दिन पूर्व ही उन्हें उक्ताशय की जानकारी मिली है, जिस पर टीम रवाना की जा रहीं है। जिस पर न्यायालय ने पुरातत्व विभाग को अपनी स्टेटस रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष पेश करने के निर्देश दिये है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सुरेन्द्र वर्मा पैरवी कर रहे है।
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