जबलपुर। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम हमेशा से छोटी-मोटी कार्रवाई कर वाहवाही लूटने का काम करती रही है। कार्रवाई के नाम पर उसका अमला नमूने इक_ा करने तक सीमित रहा है। मौजूदा दौर त्यौहारों का है। मिलावटी खाद्य सामग्रियों के विक्रय का सबसे ज्यादा खतरा इसी दौर में रहता है। बावजूद इसके खाद्य सुरक्षा विभाग का अमला मैदान से नदारद है। जिम्मेदार कहते हैं कि वो ईट राइट चैलेंज की तैयारी में लगे हैं। इसलिए कार्रवाईयों में कमी दिख रही है।ये दौर त्यौहार का चल रहा है। इसी दौर में बाजारों में खान-पान की दूषित, मिलावटी और हानिकारक सामग्रियों के विक्रय की आशंका सर्वाधिक रहती है।अक्सर त्यौहारी सीजन में देखा जाता रहा है कि ऐसे दौर में जब भी कार्रवाइयां हुईं, बड़े पैमाने पर गड़बडय़िां पाई गईं। लेकिन गणेश-पूजा, नवरात्र का पूरा दौर बीत चुका है। दीवाली का दौर आने वाला है। इस बीच कहीं से किसी प्रकार की कार्रवाई का पता नहीं चल रहा है। त्योहारी सीजन में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने किसी दुकान और प्रतिष्ठान में सेम्पलिंग नहीं की।
त्योहारों के दौरान मिलावटी खाद्य सामग्री जन स्वास्थ्य के लिए खतरा साबित हो सकती है। खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्रवाइयां अब केंद्र की कुछ प्रतियोगियां को ध्यान में रखकर चल रही हैं। अफसर महज सरकारों की वाहवाही लूटने के लिए प्रयास कर रहे हैं। प्रतियोगिताओं में प्रमाण पत्र अर्जित करना ही उनका मूल उद्देश्य रह गया है। विभाग के जिम्मेदारों की बातविभाग की इस निष्क्रियता पर जब खाद्य सुरक्षा अधिकारी देवकी सोनवानी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से कार्रवाइयां सतत जारी रहती हैं। इसके अलावा बीते कुछ दिनों के दौरान अवकाश पड़ गए इसलिए छापामार कार्रवाई नहीं हो पा रही हैं। उन्होंने कहा कि ईट राईट चैलेंज को लेकर अक्टूबर माह का लक्ष्य निर्धारित किया जा चुका है। उसे पूरा करना है, इसलिए उसको लेेकर भी विभाग का अमला लगा हुआ है।दीवाली में निष्क्रियता खतरनाकअभी तो जैसे तैसे वक्त बीत गया, लेकिन दीवाली के समय खान-पान सामग्रियों का कारोबार जबलपुर जैसे शहर में करोड़ों का होता है। लगभग प्रत्येक घर में मिठाई, नमकीन और अन्य प्रकार की खाद्य सामग्रियों का विक्रय बड़े पैमाने पर होता है। अगर समय रहते कार्रवाईयां नहीं हुईं तो लोगों तक पहुंचने वाली खाद्य सामग्रियों की गुणवत्ता संदिग्ध रहेगी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved