उज्जैन। विद्युत मंडल के बेगमबाग फीडर से शहर की सबसे ज्यादा बिजली चोरी होती है। यहां सौ प्रतिशत तक बिजली की चोरी हो रही है। कल विद्युत मंडल की छह टीमों ने कार्रवाई की और कई विद्युत चोरी के प्रकरण बनाए। यह कार्रवाई आज भी चलेगी। शहर में ऑप्टिकल केबल और स्मार्ट मीटर लगाने के बाद भी शहर के कई इलाके ऐसे हैं, जहां खूब बिजली चोरी हो रही है। उनमें से एक इलाका बेगमबाग है जहां शहर की सर्वाधिक बिजली चोरी हो रही है। यह हम नहीं विद्युत मंडल के आंकड़े कहते हैं अकेले बेगम बाग क्षेत्र में विद्युत मंडल की प्रतिमाह लगभग 10 लाख यूनिट बिजली की खपत होती है और बिल मात्र साडे 3 लाख यूनिट का ही आता है। ऐसे में 65 प्रतिशत तक मीटर में कारस्तानी कर या अन्य तरीके से बिजली चोरी बड़े पैमाने पर की जा रही है। इसी चोरी को रोकने के लिए कल से विद्युत मंडल ने विशेष अभियान शुरू किया है। कल बेगम बाग में विद्युत मंडल की 6 टीम ने एक साथ दबिश दी तो यहां विद्युत चोरी के 22 प्रकरण बनाए गए। वहीं 13 लाख रुपए से अधिक की बिल राशि नहीं चुकाने पर 57 कनेक्शन विकसित किए गए। विद्युत मंडल के अधीक्षण यंत्री राजीव पटेल ने बताया कि आज दूसरे दिन भी बेगम बाग क्षेत्र में कनेक्शन विच्छेद करने और चोरी रोकने की कार्रवाई जारी रहेगी। आज 10 टीमें पूरे बेगमबाग क्षेत्र में विद्युत चोरी के पॉइंट ढूंढेंगी और केस बनाएगी।
चार फीडर ऐसे जहां अभी भी हो रही बिजली चोरी
शहर में बेगमबाग में तो बिजली की सर्वाधिक चोरी हो रही है साथ ही जूना सोमवार या फाजलपुरा, खजूर वाली मस्जिद, बोहरा बाखल और हमालवाड़ी क्षेत्र में अभी भी शहर की सबसे ज्यादा बिजली चोरी हो रही है और यहां विद्युत लॉस का प्रतिशत 40 से लगाकर 65 प्रतिशत तक है। बताया जाता है कि लोग विद्युत मंडल की टीमों को घुसने नहीं देते और कई संकरी गलियों में तो विवाद भी होते हैं।
250 कुर्की वारंट जारी किए हैं बिल नहीं देने वालों को
विद्युत मंडल की करोड़ों रुपए की राशि लोगों पर बकाया है और उनके न्यायालय में केस भी चल रहे हैं। इस महीने 1 लाख रुपये से अधिक के बकाया वाले ढाई सौ उपभोक्ताओं हैं जिनसे साढ़े 4 करोड़ रुपए विद्युत मंडल के बकाया हैं। इन सभी को कुर्की वारंट जारी किया गया है। तय समय में बिल की राशि नहीं चुकाने पर इनकी संपत्ति से या राशि वसूल की जाएगी। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों विद्युत मंडल ने समाधान योजना में कोरोना काल के बकाया बिलों के भुगतान की कवायद की थी।
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