भोपाल। कोरोना संक्रमण की वजह से प्रदेश में अभी कॉलेजों में पढ़ाई का क्रम शुरू नहीं हुआ है। उससे पहले ही उच्च विभाग ने 287 सरकारी कॉलेजों के लिए 70 करोड़ का फर्नीचर खरीद लिया है। कॉलेजों में दो महीने के भीतर फर्नीचर पहुंचा दिया गया है, जिसके बाद केवल कॉलेजों के खुलने की बारी है। अब कॉलेजों के खुलने के साथ ही विद्यार्थियों को नया फर्नीचर मिल जाएगा। केंद्र सरकार ने मप्र में उच्च शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए विश्व बैंक के साथ 4 साल पहले 300 मिलियन डॉलर का वित्त पोषण समझौता किया था। विश्व बैंक पोषित उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन परियोजना (एमपीएचईक्यूआइपी) में चालू साल में ज्यादा राशि मंजूर हुई है। इसी परियोजना में उच्च शिक्षा विभाग ने 70 करोड़ रुपए का फर्नीचर खरीदा है। इसके लिए तत्कालीन अधिकारियों ने अगस्त में खरीदी के लिए आदेश दिए थे। यह सामग्री एलयूएन के जरिए खरीदी गई है। गौरतलब है कि विश्व बैंक से पोषित योजना के अंतर्गत उच्च शिक्षा संस्थानों में वंचित समूहों के विद्यार्थियों की गुणवत्ता में सुधार करने और उच्च शिक्षा व्यवस्था को अधिक कारगर बनाने के लिए वित्तीय मदद मिलती है। लंबे समय से विद्यार्थियों की शिकायत थी कि उनके कॉलेज में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर की सुविधा नहीं है। फर्नीचर काफी पुराना हो चुका है।
भवनों की स्थिति भी खराब
उच्च शिक्षा विभाग के सरकारी कॉलेजों की स्थिति भी अब खराब हो गई है। सबसे ज्यादा परेशानी विद्यार्थियों को बारिश में होती है। अब विभाग के सामने यही चुनौती रहेगी कि फर्नीचर कैसे सुरक्षित रहेगा।
सेंट्रालाइज्ड खरीदी
उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेजों के लिए फर्नीचर की खरीदी सेट्रालाइज्ड की है। यानी सभी कॉलेजों के लिए भोपाल स्तर से ही खरीदी की गई है। कॉलेज प्रशासन अपने-अपने स्तर पर अपनी मर्जी से फर्नीचर नहीं खरीदेंगे।
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