रीवा। रीवा (rewa) के समान थाना पुलिस ने 2 दिन पूर्व चिकित्सक से ठगी करने वाले एक साइबर क्राइम (cyber crime) के बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया, जिसमें अब नए-नए खुलासे हो रहे हैं. बताया जा रहा है कि वारदात को अंजाम देने के लिए अपराधियों के द्वारा एडवांस टेक्नोलॉजी (advance technology) का उपयोग किया जाता था जिसमें वह अपने घर के भीतर रिमोट से खुलने वाले दरवाजे लगा कर रखते. वहीं पुलिस की मानें तो अपराधियों का घर बाहर से प्रधानमंत्री आवास की तरह रहता था, लेकिन अंदर उसकी आधुनिक तस्वीर थी. आरोपी ने पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं. ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले कई लोगों के नाम सामने आए हैं जिनकी अब तलाश की जाएगी.
रीवा के समान थाना पुलिस ने चिकित्सक से साइबर क्राइम के माध्यम से ठगी करने वाले गिरोह का दो दिन पूर्व ही पर्दाफाश किया गया है. इस खुलासे में ऑनलाइन फ्रॉड की घटनाओं को अंजाम देने वाले आरोपी ने पुलिस की पूछताछ में अहम जानकारियां दी हैं. ठगी के पैसों से आरोपी ठाठ से रहते थे. उनका घर देखकर पुलिस भी दंग रह गई थी. झारखंड के जामतारा से पुलिस साइबर फ्राड की घटनाओं को अंजाम देने वाले आरोपी झरी मंडल को गिरफ्तार करके रीवा लाई थी, जिसे पूछताछ के लिए रिमांड में लिया गया था.
आरोपी ठगी के पैसों से ऐशोआराम की जिंदगी को जीते हैं. उनके घर के दरवाजे रिमोट से खुलते थे और अंदर शानो शौकत के सारे सामान मौजूद थे. खुद पुलिस भी उनके घर के दरवाजों को नहीं खोल पाई थी. जब आरोपी ने रिमोट की बटन दबाई तब वह दरवाजा खुला था. उस गांव के ज्यादातर घर के लड़के ऑनलाइन फ्रॉड करने का काम करते हैं. ज्यादातर घरों के बाहर फोर व्हीलर गाड़ियां खड़ी हुई थीं और उनके आलीशान मकान बने हुए थे. पकड़ा गया आरोपी धरी मंडल के दोनों नाती पिछले कई सालों से फर्जीवाड़ा कर रहे हैं. वे ठगी के लिए खाता दूसरे व्यक्ति के नाम से खुलवा देते थे जिसमें रुपए ट्रांसफर करते थे. यहां तक कि मोबाइल सिम भी वे दूसरे के नाम से ही उपयोग करते थे.
पुलिस ने पकड़े गए आरोपी के सभी रिश्तेदारों के नाम पते दर्ज किए हैं. ठगी का मुख्य कारोबार उसके नाती रमेश मंडल और मुकेश मंडल करते थे जो अभी पुलिस के हाथ नहीं लगे हैं. उनके पकड़े जाने के बाद ही लोगों से ठगे गए रुपए बरामद हो सकते हैं. उनके बैंक खातों के संबंध में पुलिस जानकारियां एकत्र कर रही है, जिनको सील कराया जाएगा. ऑनलाइन फ्राड की घटनाओं को अंजाम देने वाले आरोपी रमेश मंडल वर्तमान में कॉलेज का छात्र है. उसका छोटा भाई मुकेश मंडल ने इस वर्ष प्रथम वर्ष में दाखिला लिया है. जब वह स्कूल में पढ़ाई करता था तभी से फ्राड में लग गया था और कुछ दिनों में ही मास्टरमाइंड बन गया. दोनों लोगों ने मिलकर सैकड़ों लोगों को चूना लगाया है. यही कारण है कि पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए हैं ताकि पीड़ितों के रुपये बरामद हो सकें.
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