परिवहन विभाग ने लंबे विवाद के बाद वाहन डीलर्स को ही पुराने वाहनों में भी नंबर प्लेट लगाने का आदेश दिया, इंदौर सहित पूरे प्रदेश में जल्द शुरू होगी सुविधा
इंदौर, विकाससिंह राठौर। मध्यप्रदेश (MP) में 2019 के पहले के 80 लाख से ज्यादा वाहनों में अब हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट (high security number plate) (एचएसआरपी) लग सकेगी। इन्हें वाहन निर्माता कंपनी के डीलर्स (Dealres) ही लगाएंगे। इसके लिए लंबे समय से चले आ रहे विवाद के बाद परिवहन विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं। इंदौर सहित पूरे प्रदेश में जल्द ही पुराने वाहनों में नंबर प्लेट लगाए जाने का काम शुरू होगा।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने देश के सभी वाहनों पर एचएसआरपी लगाने के आदेश दिए थे। इसके तहत 21 जनवरी 2012 को मध्यप्रदेश में वाहनों पर नंबर प्लेट लगाने के लिए परिवहन विभाग ने लिंक उत्सव प्रा.लि. कंपनी से 15 साल के लिए अनुबंध किया था। अप्रैल से कंपनी ने काम शुरू किया, लेकिन कंपनी के खिलाफ कई शिकायतें आने के बाद परिवहन विभाग ने 17 अक्टूबर 2014 को अनुबंध निरस्त कर दिया गया था। इसके खिलाफ कंपनी कोर्ट गई थी। इस पर 26 जून 2015 को जबलपुर में डबल बैंच ने आदेश दिया कि अनुबंध निरस्ती के जो आधार दिए गए हैं, वे उचित नहीं है, इसलिए शासन के आदेश को निरस्त किया जाता है। इसके खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची। जहां से आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल के माध्यम से मामले पर सुनवाई हुई और यहां भी 31 मार्च 2021 को कंपनी के पक्ष में फैसला आया। इस पर शासन ने कंपनी को कहा कि वो 1 अप्रैल 2019 के पहले के सभी वाहनों में नंबर प्लेट लगाने का काम शुरू करे। इस पर कंपनी ने कहा कि अब उसके पास संसाधन नहीं है। तब से यह मामला अटका हुआ था।
अब वाहन डीलर्स ही लगाएंगे नंबर प्लेट
परिवहन आयुक्त द्वारा कल ही जारी किए गए आदेशों में कहा गया है कि पुराने वाहनों में भी नंबर प्लेट लगाने का काम वाहन निर्माता कंपनी के डीलर्स ही करेंगे। इसके लिए आयुक्त ने कल ही सभी कंपनियों और डीलर्स को आदेश जारी किए हैं। इसके लिए नए वाहनों की तरह पुराने वाहनों पर भी नंबर प्लेट लगाए जाने की ऑनलाइन एंट्री वाहन पोर्टल पर की जाएगी। इसके लिए वाहन मालिकों को तय फीस भी चुकानी होगी। चार पहिया व बड़े वाहनों के आगे के कांच पर एक स्टीकर नंबर प्लेट भी लगाई जाएगी, जो अभी नए वाहनों के साथ आती है।
अप्रैल 2019 से नए वाहनों पर डीलर्स ही लगा रहे हैं नंबर प्लेट
आरटीओ प्रदीप शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा देश में 1 अप्रैल 2019 से सभी वाहन निर्माता कंपनियों को ही वाहन के साथ एचएसआरपी दिए जाने के आदेश दिए थे, जिसे प्रिंट कर वाहन पर लगाने की जिम्मेदारी भी कंपनी के डीलर्स को दी गई थी, लेकिन इसके पहले के प्रदेश के करीब 80 लाख वाहनों पर एचएसआरपी नहीं लग पाई थी। अब आदेशों के बाद इन वाहनों पर भी एचएसआरपी लग पाएगी।
संसद पर हुए हमले के बाद देश में सख्ती से अनिवार्य की गई थी एचएसआरपी
देश में वाहनों से जुड़े अपराधों को रोकने और सुरक्षा की दृष्टि से 2001 से ही वाहनों पर एचएसआरपी लगाने के आदेश परिवहन मंत्रालय ने दिए थे, लेकिन यह व्यवस्था लागू नहीं हो पाई थी। इसी बीच 2003 में हुए संसद पर हमले के बाद सामने आया था कि हमले में जिस वाहन का इस्तेमाल किया गया था, उस पर रक्षा मंत्रालय से जुड़े नंबर लिखे गए थे, जिसके कारण वह आसानी ने संसद में दाखिल हो पाया था। इसके बाद कोर्ट में याचिका लगी थी कि इस व्यवस्था को लागू क्यों नहीं किया जा रहा है। इस पर कोर्ट आदेश पर इसे देश में सख्ती से लागू किया गया था।
दूसरे राज्यों में जाने पर लगता है भारी जुर्माना
देश में वाहनों पर एचएसआरपी लगाने की व्यवस्था 2011 से ही लागू है। कई राज्यों में वाहन पर यह नंबर प्लेट ना लगी होने पर वाहन मालिकों पर तीन हजार तक का जुर्माना भी लगाया जाता है। इंदौर सहित प्रदेश के हजारों वाहन मालिक इसके लिए परिवहन विभाग से लंबे समय से संपर्क कर रहे थे कि उनके वाहनों में विभाग नंबर प्लेट लगवाने की व्यवस्था करे
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved