नई दिल्ली: पाकिस्तान (Pakistan) से लगातार ड्रोन के जरिए भारतीय सीमा में हथियारों और विस्फोटकों (weapons and explosives) की सप्लाई की साजिशों को नाकाम करने की तैयारी शुरू हो गई है. केंद्र सरकार इसके लिए बड़े स्तर पर प्लानिंग कर रही है, जहां एक तरफ पाकिस्तान से सटे कुछ इलाकों में एंटी ड्रोन सिस्टम लगाए गए हैं. दूसरी ओर देश की सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए काउंटर ड्रोन टेक्नोलॉजी पर सरकार काम कर रही है.
काउंटर ड्रोन टेक्नोलॉजी (counter drone technology) को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय में इस हफ्ते बड़ी बैठक की गई. इस बैठक में सभी पैरा मिलिट्री फोर्सेज के मुखिया मौजूद थे. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की अगुआई में हुई बैठक में पाकिस्तान से आ रहे ड्रोन्स पर चिंता जाहिर की गई. इस बैठक के दौरान पैरामिलिट्री फोर्स को आधुनिक बनाने के लिए मॉडर्न टेक्नोलॉजी के साथ-साथ किस तरीके से भविष्य में ड्रोन के बढ़ते खतरे से निपटा जाए इस पर भी चर्चा की गई. बैठक में एनआईए, बीएसएफ, एनएसजी और सीआईएसएफ के DG भी मौजूद रहे.
‘Police Technology Mission’ को लेकर हुई बैठक में सबसे ज्यादा काउंटर ड्रोन टेक्नोलॉजी पर चर्चा हुई. देखा जाए तो पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान की तरफ से इंटरनेशनल बॉर्डर और लाइन ऑफ कंट्रोल पर बड़ी संख्या में ड्रोन्स एक्टिविटीज देखी जा रही हैं. पाकिस्तान से आ रहे ड्रोन्स की मदद से लगातार हथियारों और विस्फोटकों को भारतीय सीमा में पहुंचाया जा रहा है. जम्मू में बुधवार को टिफिन आईडी भेजने की पाकिस्तान की साजिश को नाकाम किया गया है.
पाकिस्तान सीमा पर तैनात बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) पिछले साल जून से लेकर अब तक 9 पाकिस्तानी ड्रोन को भारतीय सीमा में दाखिल कराने की कोशिशों को नाकाम कर चुकी है. जबकि इस साल 30 अप्रैल तक 53 ड्रोन को सीमा पर देखे जाने की रिपोर्ट सामने आई है. वहीं साल 2020 में कुल 79 ड्रोन देखे जाने की रिपोर्ट गृह मंत्रालय में भेजी गई थी. जबकि साल 2021 में कुल 109 ड्रोन की एक्टिविटी को देखा गया था.
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