• img-fluid

    स्मार्ट सिटी के तहत तारा मण्डल में उच्च स्तरीय थ्रीडी स्टुडियो

  • September 30, 2021

    उज्जैन । मप्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (MP Science and Technology Department) के अन्तर्गत उज्जैन के वसन्त विहार स्थित तारा मण्डल परिसर में विज्ञान केन्द्र की स्थापना हेतु विधिवत भूमि पूजन सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर कर्नाटक राज्य के राज्यपाल थावरचन्द गेहलोत (Karnataka State Governor Thaawarchand Gehlot) ने कहा कि विज्ञान केन्द्र के बनने से लोगों को ज्ञानवर्धक जानकारी प्राप्त होगी, वहीं पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। देश दुनिया में उज्जैन क्यों प्रसिद्ध है, यह हम सबको ज्ञात है। विज्ञान केन्द्र की स्थापना से विद्यार्थियों की सृजनशीलता विकसित होगी। केन्द्र की स्थापना से जहां एक ओर शिक्षा से जुड़े लोग लाभान्वित होंगे, वहीं दूसरी ओर जन-समुदाय की विज्ञान के प्रति रूचि बढ़ेगी तथा जिज्ञासाओं को भी सुलझाने में मदद मिल सकेगी। राज्यपाल श्री गेहलोत ने कहा कि भारत सरकार एवं राज्य सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में विज्ञान केन्द्र की स्थापना होगी, यह उज्जैनवासियों के लिये सराहनीय कार्य है।



    उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि उज्जयिनी संस्कृति एवं ज्ञान की नगरी होने के साथ-साथ प्राचीनकाल से विज्ञान की नगरी भी मानी जाती रही है। प्राचीनकाल से दुनिया में सबसे पहले समय की शुद्धता की गणना उज्जैन में हुई है। देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत देश आगे बढ़ रहा है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.यादव ने कहा कि स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत विकास की कड़ी में तारा मण्डल में 14 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से उच्च स्तरीय थ्रीडी स्टुडियो के निर्माण हेतु जल्द ही भूमि पूजन होगा। साइंस सिटी बनाने में निरन्तर कार्य किया जायेगा। विज्ञान केन्द्र में विद्यालय, महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी एवं जन-समुदाय को विज्ञान सीखाने, विज्ञान के मूलभूत सिद्धान्तों को समझाने और विज्ञान के प्रति रूझान तथा जागरूकता विकसित करने में सहायक सिद्ध होगा।

    विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा ने इस अवसर पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि भारत में एकमात्र प्राचीन नगरी उज्जयिनी में शिक्षा का स्थल रहा है। यहां पर भगवान श्रीकृष्ण ने शिक्षा ग्रहण की है। पूरी दुनिया में भारत में ही पहली बार समय की गणना हुई है। हमारे इतिहास में विज्ञान से सम्बन्धित बहुत कुछ ज्ञानवर्धक बातें हैं। भारत का विज्ञान बहुत आगे है। उज्जैन में विज्ञान के साथ-साथ अन्य विकास कार्यों का समय-समय पर जरूरतें पूरी की जायेंगी। सपने देखना हमारा काम है और सपने को पूरा करना शासन का काम है। उज्जैन आगे बढ़े, ऐसा हम सबका प्रयास रहेगा।

    उज्जैन-आलोट संसदीय क्षेत्र के सांसद श्री अनिल फिरोजिया ने अपने विचार प्रकट करते हुए प्रशंसा व्यक्त की कि उज्जैन में विकास में एक और अध्याय जुड़ गया है, जहां विज्ञान केन्द्र की स्थापना होगी। यह प्रशंसनीय है। उज्जैनवासियों को बहुत बड़ी सौगात मिली है। उन्होंने कहा कि आदिकाल से हमारे पूर्वजों ने वैज्ञानिक क्षेत्र में कई कार्य किये हैं। श्री वाकणकर की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने डोंगला की खोज की। राष्ट्रीय संगठन मंत्री विज्ञान भारती श्री जयंत सहस्त्रबुद्धे ने भी अपने विचार प्रकट करते हुए भारत के प्राचीन वैज्ञानिकों के इतिहास के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उज्जैन प्राचीनकाल से विज्ञान से सम्बन्धित नगरी रही है। आधुनिक विज्ञान के क्षेत्र में अन्तरिक्ष एवं समय काल में उज्जैन में समयकाल की गणना हुई है। उज्जैनवासियों को विज्ञान केन्द्र की स्थापना के लिये बधाई दी। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भारत के श्री जगदीशचन्द्र बसु ने इंग्लैंड में जाकर भौतिक विज्ञान की पढ़ाई कर भारत में लगभग तीन वर्ष नि:शुल्क विद्यार्थियों को शिक्षा दी। अन्याय के विरूद्ध खड़ा होना ही सत्याग्रह है। देश में कई ऐसे वैज्ञानिक हुए हैं जिन्होंने विज्ञान को बचाये रखा। विज्ञान केन्द्र के बनने से हमें निरन्तर प्रेरणा मिलती रहेगी।

    मप्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डॉ.अनिल कोठारी ने शाब्दिक स्वागत भाषण देते हुए कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद कलकत्ता संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की योजना के अन्तर्गत उज्जैन में विज्ञान केन्द्र की स्थापना की जा रही है। विज्ञान केन्द्र की स्थापना का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों और आम लोगों की विज्ञान में रूचि बढ़ाना और विज्ञान से जुड़ी विभिन्न जिज्ञासाओं का समाधान होगा। डॉ.कोठारी ने बताया कि पांच एकड़ क्षेत्र में लगभग 16.70 करोड़ रुपये की लागत से विज्ञान केन्द्र स्थापित होगा। विज्ञान केन्द्र में आईटी और चिल्ड्रन पार्क विकसित किया जायेगा। विज्ञान और मिसाईल के अत्याधुनिक मॉडल रखे जायेंगे। केन्द्र में इनोवेशन लेब की स्थापना भी की जायेगी। विज्ञान केन्द्र लगभग दो वर्ष में पूर्ण होगा।

    Share:

    दो समूह की महिलाओं ने चप्पल उद्योग लगाकर आत्मनिर्भर हुईं 

    Thu Sep 30 , 2021
    मुरैना ! मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (Madhya Pradesh State Rural Livelihood Mission) के मार्गदर्शन में सबलगढ़ विकासखण्ड के ग्राम जोरगड़ी में जय बजरंग स्व-सहायता समूह (Jai Bajrang Self Help Group in Jorgarhi) और बावडी़पुरा के महामाया स्व-सहायता समूह की 14-14 महिलाओं ने चप्पल उद्योग (sandal industry) लगाकर अपने आप में आत्मनिर्भर बन रहीं है। […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    बुधवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved