पटना: पटना (Patna) के गांधी मैदान (Gandhi Maidan) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की रैली के दौरान बम ब्लास्ट मामले (bomb blast cases) में हाई कोर्ट (High Court) ने बड़ा निर्णय लिया है. कोर्ट ने ब्लास्ट करने वाले चार आरोपियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया है. जिसके बाद अब आरोपियों को फांसी नहीं होगी. हालांकि जिन दो आरोपियों को इस मामले में उम्र कैद की सजा मिली थी, उनकी सजा में कोई बदलाव नहीं किया गया है. उनकी सजा उम्रकैद ही रहेगी.
इस मामले में सिविल कोर्ट से चार आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी, साथ ही आर्थिक जुर्माना भी लगाया था. वहीं अब हाई कोर्ट ने उनकी फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है. जिन आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई दी उनके नाम हैदर अली, मुजीबुल्लाह, नोमान और इम्तियाज हैं. वहीं उम्र कैद की सजा पाने वालों में उमर और अजहरुद्दीन थी. हाईकोर्ट ने इनकी सजा को बरकरार रखा है.
पीड़ित पक्ष के वकील इमरान गनी ने हाई कोर्ट के फैसले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि फांसी पाने वाले आरोपियों की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया है, वहीं उम्रकैद की सजा पाने वालों की सजा में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
पटना के गांधी मैदान में 27 अक्टूबर 2013 को प्रधानमंत्री मोदी की हुंकार रैली थी. जहां वो जनता को संबोधित करने के लिए गए थे. इसी दौरान बम ब्लास्ट से राजधानी को दहलाने की कोशिश की गई थी. पटना जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर 10 पर सुलभ शौचालय के पहला धमाका हुआ था. वहीं गांधी मैदान के पास 6 जगहों पर धमाके किए गए थे. इन धमाकों में 6 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 89 लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे. एक के बाद एक हुए धमाकों से चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई थी. लोगों में दहशत पैदा हो गई थी.
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