जबलपुर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में इस साल हुई पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा-2020 (Police Constable Recruitment Exam-2020) पर हाई कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है. हाई कोर्ट (High Court) ने अनेक अभ्यर्थियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए बिना कोर्ट की अनुमति के नियुक्ति पत्र जारी न करने का आदेश राज्य सरकार को दिया है. साथ ही मध्य प्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh) और कर्मचारी चयन मंडल (PEB) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
दरअसल, हाई कोर्ट में 15 अभ्यार्थियों की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा-2020 में ऐसे अभ्यर्थियों का चयन नहीं किया गया, जिन्होंने कटऑफ से भी बेहतर अंक हासिल किए थे. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता एनएस रूपराह ने कहा कि रोजगार पंजीयन को चयन प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जा रही थी. इन अभ्यार्थियों का रोजगार पंजीयन स्वीकार नहीं किया जा रहा था, जिन्होंने हाल ही में रोजगार पंजीयन का नवीनीकरण कराया था. चयन प्रक्रिया के दौरान पंजीयन नवीनीकरण होने पर उन्हें फेल कर दिया गया. जबकि, उनके अंक कटऑफ मार्क्स से ज्यादा थे.
हाई कोर्ट के जस्टिस विशाल धगट की सिंगल बेंच ने याचिका में उठाए गए तर्कों को सुनने के बाद नोटिस जारी कर दो हफ्तों में सरकार और पीईबी से जवाब मांगा है. इसके साथ ही नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगा दी है. यहां आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा-2020 आयोजित की गई थी. इसका रिजल्ट हाल ही में 12 नवंबर 2022 को जारी किया गया था. करीब 6000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया को पूरा किया गया था, लेकिन सरकार की गफलत के कारण नियुक्ति पत्र का इंतजार कर रहे आवेदकों को नौकरी मिलने की आस और लंबी हो गई है.
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