नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने शुक्रवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री (Former Union Minister) पी. चिदंबरम (P. Chidambaram), उनके बेटे (His Son) कार्ति चिदंबरम (Karti Chidambaram) और अन्य से प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा निचली अदालत के उस आदेश के खिलाफ दायर एक याचिका (Plea) पर जवाब मांगा (Seeks Response), जिसमें उन्हें आईएनएक्स मीडिया से संबंधित एक मामले में दस्तावेजों के निरीक्षण की अनुमति दी थी।
न्यायमूर्ति योगेश खन्ना की पीठ ने मामले पर नोटिस जारी करते हुए इस पर आगे की सुनवाई 20 अप्रैल को तय की है। ईडी ने इस आधार पर व्यक्तियों द्वारा दस्तावेजों के निरीक्षण का विरोध करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है कि उन्हें ‘मालखाना’ के अंदर अनुमति देने से – मामले से संबंधित सामग्री को अदालत में रखने की अनुमति देने से चल रहे हाई-प्रोफाइल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उच्च स्तर पर सबूतों से छेड़छाड़ हो सकती है।
जांच एजेंसी के अनुसार, जबकि आरोपी को निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार है, समाज के सामूहिक हित प्रभावित नहीं हो सकते। 14 मार्च को, दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह ने ईडी की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था, जिसमें चिदंबरम सहित आईएनएक्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड में आरोपी व्यक्तियों को जांच के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों का निरीक्षण करने की अनुमति दी गई थी।
23 मार्च को, दिल्ली की एक अदालत ने सीबीआई और ईडी द्वारा उनके खिलाफ दायर एयरसेल-मैक्सिस सौदे में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी में अनियमितता का आरोप लगाने वाले एक मामले के संबंध में चिदंबरम को नियमित जमानत (रेगुलर बेल) दी थी।
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