नई दिल्ली (New Delhi) । दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने गुरुवार को दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र कुमार जैन (Satyendra Kumar Jain) की उस याचिका पर ईडी (ED) से जवाब मांगा, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money laundering cases) में उनके और अन्य के खिलाफ निचली अदालत द्वारा आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के आदेश को चुनौती दी गई है। न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने जैन की याचिका पर ईडी को नोटिस जारी किया और 15 दिनों के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। अदालत ने मामले को 22 अगस्त को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।
जैन ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेने के ट्रायल कोर्ट के 29 जुलाई 2022 के आदेश को रद्द करने की मांग की है। उन्होंने मामले में उन्हें जारी किए गए समन और उसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेशों को भी चुनौती दी है। साथ ही जेल से रिहाई की मांग की है। वहीं, ईडी ने जैन की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि निचली अदालत का संज्ञान आदेश जुलाई 2022 में पारित किया गया था और आप नेता ने अब इसे चुनौती दी है।
ईडी ने सत्येंद्र जैन के अलावा उनकी पत्नी पूनम जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन, अजीत प्रसाद जैन और सुनील जैन के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया था। ईडी द्वारा चार कंपनियों- अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफोसोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ भी आरोप पत्र दायर किया गया था।
ईडी ने 24 अगस्त 2017 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। सीबीआई ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार में मंत्री पद पर रहते हुए सत्येंद्र जैन ने 14 फरवरी 2015 से 31 मई 2017 के बीच अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की है।
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