नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court ) ने बुधवार को दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को निर्देश दिया कि खुद को समलैंगिक (homosexual) बताने वाली उस महिला को सुरक्षा प्रदान की जाए जिसे वैवाहिक जीवन में रहने को बाध्य किया गया और यौन प्रवृत्ति से मुक्त कराने की धमकी दी गयी। जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने कहा कि अगर महिला चाहती है तो उसे किसी दूसरे स्थान पर जाकर रहने की आजादी है। उन्होंने पुलिस से महिला को नयी जगह पर सुरक्षा प्रदान करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने को कहा।
पति को बता थी अपने समलैंगिक होने की बात
याचिका में कहा गया कि 23 वर्षीय महिला (23 year old female) की शादी अक्टूबर 2019 में एक व्यक्ति से जबरदस्ती कराई गयी थी, जबकि उसके माता-पिता को उसकी लैंगिक प्रवृत्तियों के बारे में पता था। इसमें कहा गया कि महिला ने अनेक बाहरी रिश्ते को तोड़ने की कोशिश की। महिला ने कहा कि उसने शादी के तत्काल बाद अपने पति को अपनी समलैंगिक पहचान के बारे में बता दिया था। हालांकि, उसके पति ने अपने माता-पिता से काफी समय तक इस बात को छुपाए रखा।
ससुराल वाले बना रहे हैं दबाव
महिला का कहना है कि उसके ससुराल वालों के साथ ही मायके वालों की तरफ से उसके सेक्सुअल ओरिएंटेशन (Sexual Orientation) का इलाज कराने के लिए जबरन दबाव बनाया जा रहा है। इसके बाद वह अपने मायके से निकल कर एक एनजीओ (NGO) के पास पहुंच गई। महिला ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर संविधान के आर्टिकल 14 के तहत समानता के अधिकार के साथ ही आर्टिकल 21 के तहत निजता का अधिकार, स्वायत्तता, गरिमा और स्वतंत्रता के अधिकार के रक्षा की मांग की है।
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