कोलकाता. कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta high court) ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal Government) को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक शुभेंदु अधिकारी की सुरक्षा बहाल करने के निर्देश दिए हैं. तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार ने बीती 18 मई को अधिकारी की सुरक्षा हटा ली थी, जिसके बाद बीजेपी नेता ने हाईकोर्ट का रुख किया था. अदालत ने कहा है यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है कि अधिकारी को कोई खतरा ना हो.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस शिवकांत प्रसाद की एकल पीठ ने फैसला सुनाया है कि यह सुनिश्चित करना राज्य की जिम्मेदारी है कि शुभेंदु अधिकारी को कोई खतरा ना हो. नहीं तो सरकार को दोषी माना जाएगा. हालांकि, अदालत ने इस दौरान केंद्र से मिली सुरक्षा पर भी बात की. कोर्ट ने कहा कि अधिकारी को पहले ही केंद्र से पर्याप्त सुरक्षा मिली है.
इससे पहले हुई मामले की सुनवाई में कोर्ट ने पश्चिम बंगाल प्रशासन के सुरक्षा निदेशक को कारण बताने के निर्देश दिए गए थे. अदालत ने कहा था कि इस संबंध में रिपोर्ट दाखिल की जाए कि क्यों शुभेंदु अधिकारी को दी गई सुरक्षा को हटाया गया है. वहीं, बंगाल सरकार ने कहा था कि अधिकारी को ‘किताब’ की गाइडलाइंस के अनुसार अधिकारी की सुरक्षा की जा रही है.
बीजेपी विधायक अधिकारी ने अदालत से कहा था कि केंद्र सरकार से Z-श्रेणी की सुरक्षा मिली होने के बाद भी उन्हें तीन क्षेत्रों में राज्य सरकार की मदद चाहिए. इनमें पायलट कार, रूट लाइनिंग और जनसभाओं की निगरानी शामिल है. अधिकारी को टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने के बाद बीते साल दिसंबर में Z-श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी. उन्होंने 2021 विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट से राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी.
बीती 2 मई को संपन्न हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में सीएम बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी ने बड़ी जीत दर्ज की थी. 293 सीटों पर हुए चुनाव में पार्टी के खाते में 213 सीटें आई थीं. वहीं, राज्य में सत्तारूढ़ दल को कड़ी टक्कर दे रही भारतीय जनता पार्टी ने 77 सीटों पर जीत दर्ज की थी. राज्य में हिंसा की खबरें आने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा समेत पार्टी के कई बड़े नेताओं ने इलाकों का दौरा किया था.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved