जबलपुर। मध्यप्रदेश में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण पर हाईकोर्ट की रोक के बाद प्रदेश सरकार ने भर्तियों के रिजल्ट जारी करने का जो फार्मूला बनाया था उसे हाईकोर्ट में चुुनौती दे दी गई है। सरकार के निर्देश पर एमपी पीएससी, ओबीसी के पुराने 14 फीसदी आरक्षण के साथ 87 फीसदी पदों का रिजल्ट अलग जारी कर रही है और 13 फीसदी पदों पर अलग प्रोवीजनल रिजल्ट जारी किया जा रहा है। अब एक ही परीक्षा के दो अलग-अलग रिजल्ट जारी करने को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। दो रिजल्ट जारी करने के सामान्य प्रशासन विभाग के 29 सितंबर को जारी आदेश की वैधानिकता को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।
याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और एमपी पीएससी को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और एमपी पीएससी से दो अलग अलग रिजल्ट जारी करने पर जवाब मांगा है। कोर्ट ने ये जवाब 1 हफ्ते के भीतर देने के निर्देश दिए हैं और मामले पर अगली सुनवाई के लिए 20 दिसंबर की तारीख तय कर दी है। छात्रों की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि सरकार और प्रशासन, संविधान के खिलाफ जाकर मनमाने नियम नहीं बना सकता और एक ही परीक्षा के अलग-अलग रिजल्ट जारी करना कई नियमों और प्रावधानो के खिलाफ है।
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