नई दिल्ली। कोलेस्ट्रॉल वैक्स (cholesterol wax) जैसा एक पदार्थ होता है जो फैट के समान होता है. हमारे शरीर को कुछ मात्रा में कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) की जरूरत होती है जो कोशिका झिल्ली (सेल मेंब्रेन), विटामिन डी के उत्पादन के लिए जरूरी होता है.
शरीर को जितने कोलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है, उतनी मात्रा में लीवर नेचुरली इसका निर्माण करता है. हालांकि शरीर में होने वाली कई दिक्कतों के चलते ब्लड कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने लगता है. कोलेस्ट्रॉल का लेवल ज्यादा होना हमारी सेहत के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है. इसके बढ़ने से हार्ट डिजीज और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है.
CDC (सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) के मुताबिक, हाई ब्लड कोलेस्ट्रॉल को 200 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर (मिलीग्राम / डीएल) या उससे ज्यादा खतरनाक माना जाता है. वहीं, हेल्दी कोलेस्ट्रॉल का लेवल 200 mg/dL से कम होता है.
शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं. आइए जानते हैं किन कारणों के चलते कोलेस्ट्रॉल एकदम से बढ़ने लगता है.
शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल हाई होने पर डॉक्टर आपको कुछ ऐसी चीजें बता सकते हैं जिससे आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल कम रहे जैसे- डाइट और खाने की आदतों में बदलाव, रोजाना फिजिकल एक्टिविटी करना, वजन मेंटेन रखना और स्मोकिंग ना करना.
कई लोगों में जेनेटिक्स कारणों के चलते भी कोलेस्ट्रॉल का लेवल हाई होता है. इसे फैमिली हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया कहा जाता है.
किन कारणों के चलते अचानक से बढ़ता है कोलेस्ट्रॉल लेवल?
कुछ मामलों में, कोलेस्ट्रॉल लेवल काफी तेजी से बढ़ता है. अचानक से कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने के कारणों में ये बातें शामिल हैं-
कॉफी का अधिक मात्रा में सेवन-
कॉफी में कैफीन की मात्रा काफी ज्यादा होती है जिस कारण ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ता है. इसके अलावा कॉफी का सेवन करने से ब्लड कोलेस्ट्रॉल भी तेजी से बढ़ने लगता है. साल 2018 में हुई एक स्टडी के मुताबिक, रोजाना 4 एस्प्रेसो का सेवन करने से शरीर में LDL (low-density lipoprotein) यानी बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल अचानक से बढ़ने लगता है.
साइकोलॉजिकल स्ट्रेस-
स्ट्रेस और कोलेस्ट्रॉल लेवल के बीच गहरा संबंध है. सइकोलॉजिकल स्ट्रेस से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल अचानक से काफी ज्यादा बढ़ने लगता है. यह कोर्टिसोल हार्मोन के कारण हो सकता है, जो स्ट्रेस के दौरान बढ़ जाता है. साल 2020 के एक आर्टिकल के मुताबिक, कोर्टिसोल हार्मोन का लेवल ज्यादा होने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल भी बढ़ता है.
स्मोकिंग-
स्मोकिंग के कारण भी कोलेस्ट्रॉल के लेवल में बढ़ोतरी होती है. ऐसा सिगरेट में मौजूद निकोटिन और तंबाकू की वजह से होता है.
साल 2021 के एक आर्टिकल के मुताबिक, सिगरेट पीते समय, बहुत अधिक मात्रा में निकोटिन हमारे फेफड़ों के जरिए खून में प्रवेश करता है. जिसके कारण शरीर में से कैटाकोलमाइन रिलीज होता है. कैटाकोलमाइन का लेवल बढ़ने से लिपोलिसिस, या लिपिड ब्रेकडाउन बढ़ जाता है, जिससे LDL कोलेस्ट्रॉल का उत्पादन बढ़ जाता है. LDL कोलेस्ट्रॉल में बढ़ोतरी से HDL कोलेस्ट्रॉल, या “गुड” कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम हो जाता है.
दवाइयां-
कुछ दवाइयों के सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल काफी ज्यादा बढ़ जाता है. इन दवाइयों के कारण बढ़ता है शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल-
ब्लड प्रेशर कम करने वाली दवाइयां, बीटा ब्लॉकर्स, डानाज़ोल, रेटिनॉइड्स, एंटीवायरल ड्रग्स, एंटी साइकोटिक्स आदि. सामान्य तौर पर, ये दवाइयां लिपिड मेटाबॉलिज्म को बदलकर ब्लड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ाती हैं. कुछ दवाइयां, जैसे कि एंटीसाइकोटिक्स, वजन बढ़ाने के साथ ही कोलेस्ट्रॉल के लेवल को भी बढ़ा सकती हैं.
प्रेग्नेंसी–
प्रेग्नेंसी के दौरान,ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल 30 से 40 फीसदी तक बढ़ जाता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि भ्रूण की ग्रोथ और विकास के लिए कोलेस्ट्रॉल काफी जरूरी होता है. हालांकि, गर्भावस्था के दौरान कोलेस्ट्रॉल का बहुत अधिक बढ़ना संभव है. इसे जेस्टेशनल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया या मैटरनल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया कहा जाता है.
तेजी से वजन कम होना-
कोलेस्ट्रॉल का लेवल अचानक से बढ़ने के पीछे एक कारण तेजी से वजन का कम होना है. 2019 की एक स्टडी में, तीन एडल्ट्स ने बहुत कम कैलोरी की डाइट लेकर तेजी से अपना वजन कम किया. इन तीनों ही मामलों में, उनका LDL कोलेस्ट्रॉल नॉर्मल लेवल तक गिरने से पहले अस्थायी रूप से बढ़ गया. रिसर्चर्स के मुताबिक, यह मेटाबॉलिज्म में बदलाव से संबंधित हो सकता है.
ऐसे में अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो जरूरी है कि हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स से बात जरूर कर लें ताकि आपको किसी तरह के साइड इफेक्ट्स का सामना ना करना पड़े , जैसे कोलेस्ट्रॉल लेवल का अचानक से बढ़ जाना.
(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)
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