रांची । उदयपुर की घटना के बाद (After Udaipur Incident) रांची में हाई अलर्ट (High Alert in Ranchi) करते हुए साढ़े 3 हजार (Three and a half Thousand) अतिरिक्त सुरक्षा बल (Additional Security Forces) की तैनाती की है (Deployment) । भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा का समर्थन करने पर उदयपुर में एक व्यक्ति की हत्या की घटना के बाद रांची में पुलिस-प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है।
रांची में भी बीते 10 जून को नूपुर शर्मा प्रकरण को लेकर हिंसा और उत्पात की घटना हुई थी। इसके बाद शहर में लगभग 10 दिनों तक तनाव की स्थिति बनी रही। इसमें घायल आधा दर्जन लोगों का अब भी अस्पताल में इलाज चल रहा है। इनमें से एक को एयर एंबुलेंस से दिल्ली ले जाया गया है, जिसकी हालत गंभीर बतायी जा रही है। उदयपुर की घटना के बाद पुलिस मुख्यालय ने सतर्कता को लेकर अलर्ट जारी किया है।
रांची और आसपास के मंदिरों और मस्जिदों की सुरक्षा बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। संदिग्ध लोगों से पूछताछ और चेकिंग का अभियान भी शुरू किया गया है। निर्देश दिया है कि रांची के जगन्नाथपुर में आगामी एक जुलाई से आयोजित होनेवाले रथयात्रा मेला में सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में पुलिस और सुरक्षा बलों की तैनाती की जाए। बताया जा रहा है कि रांची में लगभग साढ़े तीन हजार अतिरिक्त पुलिस-सुरक्षा बल की तैयारी की गयी है।
इधर 10 जून को रांची में हुई हिंसा में बच्चों के इस्तेमाल पर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने झारखंड के मुख्य सचिव सहित संबंधित प्रदेशों के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर एनआइए जांच की अनुशंसा की है। उन्होंने कहा है कि सांप्रदायिक हिंसा के ऐसे मामलों में बच्चों का उपयोग करना गैरकानूनी है।
इधर राज्य सरकार की ओर से इस मामले के लिए गठित दोसदस्यों वाली उच्चस्तरीय जांच समिति ने मामले की जांच के क्रम में कई लोगों को तलब किया है। समिति ने मीडिया से भी घटना से जुड़ी वीडियो और फोटो 29 जून तक उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
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