इंदौर (Indore)। अब पुराने समय जैसे चुनाव नहीं होते। अब धीरे-धीरे उनका स्वरूप बदल गया है। अब प्रचार-प्रसार भी हाईटेक होने लगा। सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल राजनीतिक दल, नेता, उनके कार्यकर्ता-समर्थक तो कर ही रहे हैं, वहीं चुनाव आयोग से लेकर जिला निर्वाचन कार्यालय ने भी क्यूआर कोड के साथ कई मोबाइल एप तैयार करवाए, ताकि निर्वाचन की पूरी प्रक्रिया आसान हो सके और कम्यूनिकेशन भी बढ़े। कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. इलैयाराजा टी ने भी इस बार कई नए प्रयोग किए और अनुमतियों के लिए क्यूआर कोड का आसान विकल्प दिया, तो चुनावी ड्यूटी, प्रशिक्षण से लेकर मतदान दलों को सामग्री देने सहित अन्य कार्यों के लिए भी मोबाइल एप तैयार करवाए हैं। वहीं आयोग ने जो सी-विजिल एप बनवाया है, जिसके जरिए आदर्श आचार संहिता उल्लंघन से संबंधित शिकायतें, वीडियो, फोटो प्राप्त कर उन पर कार्रवाई की जाती है।
कोई भी नागरिक गूगल प्ले स्टोर पर जाकर इस एप को डाउनलोड कर सकता है। हालांकि राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं द्वारा ही ये शिकायतें एक-दूसरे के खिलाफ की जाती है। इसके लिए कंट्रोल रूम भी बनाया गया है, जहां पर अभी तक 648 शिकायतें प्राप्त हुई, जिसमें ऑनलाइन सी-विजिल एप के जरिए सर्वाधिक 533 शिकायतें मिलीं, जिनका शत-प्रतिशत निराकरण करने का दावा जिला प्रशासन द्वारा किया गया। जबकि दूसरी तरफ ऑफ लाइन यानी लिखित में प्राप्त शिकायतों की संख्या कम है। इस तरह की शिकायतें 115 ही प्राप्त हुई, जिनमें से 92 निराकृत की चुकी है। वहीं कंट्रोल रूम भी 24 ही घंटे चलता है। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए कल राजनीतिक दलों की स्थायी समिति की बैठक भी हुई, जिसमें कलेक्टर के साथ ही सामान्य प्रेक्षक और उम्मीदवारों के प्रतिनिधि शामिल हुए। विभिन्न अनुमतियों के लिए एकल खिडक़ी भी बनाई गई है, जहां से चुनाव से संबंधित सभी तरह की अनुमतियां दी जा रही है। मध्यप्रदेश सम्पत्ति विरुपण अधिनियम, कोलाहल नियंत्रण से लेकर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी भी इस बैठक में दी गई और रोजाना के व्यय लेखा निर्धारित रजिस्टर को भी संधारित करने को कहा गया।
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