इंदौर (Indore)। अब तक पुलिस की गिरफ्त से बचता रहा भूमाफिया दिलीप सिसौदिया (Land mafia Dilip Sisodia) उर्फ दीपक जैन उर्फ दीपक मद्दा किस कदर सहकारी संस्थाओं का पैसा लूटता रहा वह केवल एक संस्था की रिपोर्ट से उजागर हुआ। सहकारिता विभाग द्वारा कराई गई इस रिपोर्ट की जांच में जो आंकड़े उजागर हुए वह चौंकाने वाले हैं। दिलीप सिसौदिया ने संस्था द्वारा बेची गई जमीन के पैसे सीधे अपने बैंक खाते में जमा करा लिए। आंकड़ों पर गौर करें तो इधर संस्थाओं की जमीन बिकती रही और उधर दीपक मद्दा जमा रकम पर डाका डालता रहा। दिलीप सिसौदिया को शायद इसलिए मद्दा कहते हैं कि उसके दिमाग में यह ख्याल भी नहीं आया कि संस्था का पैसा खाते में जमा कराकर उसने अपनी डकैती का सबूत भी पुलिस को दे डाला और 4 करोड़ 89 लाख 27 हजार 472 रुपए अपने खाते में डालकर हड़प लिए।
कल्पतरु गृह निर्माण संस्था अध्यक्ष प्रकाश गिरि और उपाध्यक्ष दिलीप सिसौदिया के भाई कमलेश जैन के साथ ही सन्नी जायसवाल, जितेंद्र पटेल, कन्हैयालाल पाटीदार, मिलन गिरि, दर्शन मेहता, श्रीचंद जगवानी एवं मधुर कांता गिरि को अपनी उंगली पर नचाते हुए दिलीप सिसौदिया ने वर्ष 2018-19 से वर्ष 21-22 के मध्य संस्थाओं की जमीनों का विक्रय अनीता डोवल, अभिजीत संजय माने, दीपक संधू, भोले पिता जुगलकिशोर, अभिषेक मेहता, साबिर खान, आयशा खान, अतिशय बाकलीवाल, अमजद खान, जय हिंद गृह निर्माण संस्था को किया और उनका पैसा संस्था के खातों में जमा कराया। इसके पश्चात दो बड़े लेन-देन के जरिए 19 नवंबर 2022 को 1 करोड़ 35 लाख और 26-11-2018 को 1 करोड़ 13 लाख की राशि अपने खाते में जमा करवा ली। इसके अलावा अन्य दिनांकों में भुगतानों के जरिए कुल 4 करोड़ 89 लाख 27 हजार 472 रुपए का भुगतान संस्था से अपने खातों में लिया। यह तो वह रकम है जो जमीन बिक्री के सौदे में संस्था ने चेक से प्राप्त की, जबकि सहकारिता विभाग द्वारा रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है कि कई जमीनों की बिक्री गाइड लाइन से कम कीमत में की गई, जिनमें अनीता डोवल को 37 लाख 34 हजार की जमीन मात्र 25 लाख में विक्रय कर दी गई।
इसी तरह अभिजीत संजय माने को बेची गई जमीन की गाइड लाइन वैल्यू 2 करोड़ 38 लाख 16 हजार रुपए थी, लेकिन उसका विक्रय मात्र 1 करोड़ 50 लाख 30 हजार रुपए में कर दिया गया। यह तो वह रकम है, जो संस्थाओं को चेक से प्राप्त हुई है, लेकिन उक्त भूमियों का सौदा कई करोड़ों रुपए में हुआ होगा, जिसका नकद भुगतान संस्था के पदाधिकारियों और दिलीप सिसौदिया ने हासिल किया होगा, जो पुलिस जांच में ही पता चल सकेगा। लेकिन यह तो स्पष्ट हो चुका है कि दिलीप सिसौदिया ने संस्था की भूमि के विक्रय की चेक से प्राप्त राशि सीधे अपने बैंक खातों में ट्रांसफर कर हड़प ली। कल्पतरु गृह निर्माण संस्था के प्रशासक सुरेश भंडारी द्वारा दिए गए आवेदन में बताया गया कि दिलीप सिसौदिया संस्था का पूर्व में अध्यक्ष रहा है और उसके द्वारा ही संचालक मंडल के पदाधिारियों के साथ मिलकर संस्था की राशि अपने खातों में अंतरित करवाकर धोखाधड़ी की गई है। हालांकि संस्था के पदाधिकारी भी मात्र मोहरा थे और इस बात की पुष्टि पुलिस जांच में हो सकती है। दिलीप सिसौदिया अब तक पुलिस द्वारा बनाए गए विभिन्न प्रकरणों में कानूनी दांव-पेंच से बचता रहा और हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक से जमानत हासिल कर ली, लेकिन अब कल्पतरु गृह निर्माण संस्था के मामले में पुलिस के हाथों में इतना पुख्ता सबूत हैं कि उसका बच पाना मुश्किल है।
दिलीप सिसौदिया ने पैसा खाया तो खाया… दूसरों को भी जिमाया
सहकारिता विभाग की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि दिलीप सिसौदिया ने अपने खातों में संस्था की रकम जमा कर हड़पी, वहीं अन्य लोगों के खाते में भी संस्था की रकम ट्रांसफर की। इनमें विनय धापुड़े को 25 लाख 21 हजार रुपए, सन्नी सोलंकी को 5 लाख 44 हजार रुपए, राहुल मोतीलाल गोलिया को 2 लाख 97 हजार, अनीस केमकर को 16 लाख 97 हजार, विजय पांचाल को 1 लाख 48 हजार 500 रुपए, वेंचर प्रालि को 27 लाख रुपए, सुमित मित्तल को 9 लाख रुपए एवं 6 लाख 73 हजार 900, आदिनाथ इंटरप्राइजेस को 29 लाख 58 हजार रुपए, आरुषि इंफ्रा को 30 लाख 41 हजार रुपए, राहुल चावड़ा को 1 लाख रुपए अंतरित किए गए। इनमें से कई ऐसे लोग हैं, जिन्हें दिलीप सिसौदिया से भुगतान प्राप्त करना था, जिसे उसने संस्था के चेकों के माध्यम से चुका दिया और लेने वालों ने भी इस बात का ध्यान नहीं रखा कि अपनी निजी देनदारियां संस्था के पदाधिकारी या दिलीप सिसौदिया उन्हें संस्था के खातों के माध्यम से कर रहे हैं। निश्चित रूप से अब वे भी संस्था के पदाधिकारियों के साथ संस्था की रकम के गबन के आरोपी बनेंगे।
संस्था का पैसा ऐसे आया… ऐसे भूमाफिया के खाते में गया…
अनीता पति संजय डोवल
निवासी-502-बी, शेखर पार्क सूरज कोठी इंदौर
दिनांक -26-11-2020, भूमि खरीदी रु. 25 लाख
राशि जमा -24 लाख 27 हजार 350 रुपए
अभिजीत संजय माने
निवासी – 501-ए, वास्तु सिटी बिचौली मर्दाना
दिनांक – 02-12-20, भूमि खरीदी 1,50,30000 रु.
राशि जमा – 1 करोड़ 35 लाख 57 हजार 275 रुपए
आज तक बकाया – 14 लाख 72 हजार 725 रुपए
दीपक संधु
दिनांक – 9-11-2018
राशि जमा – 1 करोड़ 36 लाख 93 हजार रुपए
भोले पिता जुगलकिशोर
दिनांक – 23-11-2018, राशि जमा – 40 लाख रु.
अभिषेक मेहता
दिनांक – 28-11-2018, राशि जमा – 20 लाख रु.
साबिर खान/आयाशा खान
दिनांक – 29-03-2019, जमा राशि – 11 लाख रु.
अतिशय बाकलीवाल
दिनांक – 27-06-2019, जमा राशि – 19 लाख रु.
दिनांक – 06-07-2019, जमा राशि – 30 लाख रु.
दिनांक -19-09-2019, जमा -15 .50 लाख
अमजद खान
दिनांक – 28-06-2019, जमा राशि – 25 लाख रु.
जय हिंद गृह निर्माण
दिनांक – 08-08-2019, जमा राशि – 4 .50 लाख
दिनांक – 20-08-2019 से 3-1-2020 तक
कुल जमा राशि – 2 करोड़ 16 लाख रुपए।
दिलीप सिसौदिया के खाते में जमा रकम
दिनांक -19-11-2022
1 करोड़ 35 लाख 57 हजार रु.
20-11-2018-
1 करोड़ 13 लाख 85 हजार रु.
26-11-2018
24 लाख 75 हजार रु.
26-11-2018
3 लाख 96 हजार रु.
30-11-2018
1 लाख 98 हजार रु.
8-4-2019
12 लाख 87 हजार रु.
28-6-2019
29 लाख 70 हजार रु.
29-6-2019
24 लाख 75 हजार रु.
8-7-2019
29 लाख 70 हजार रु.
19-7-2019
15 लाख 80 हजार रु.
20-7-19/5-8-19
11 लाख रु.
दिनांक 8-6-2020 से 21-9-2020 तक 52 लाख और 14-1-2022
26 लाख रुपए दिलीप सिसौदिया के खाते में अंतरित। इन राशियों के साथ अन्य दिनांकों को दिलीप सिसौदिया ने संस्था के पैसे सीधे अपने बैंक खाते में जमा कराए। रिपोर्ट के अनुसार इस तरह संस्था के पदाधिकारियों द्वारा दिलीप सिसौदिया को 4 करोड़ 89 लाख 27 हजार 472 रुपए का फर्जी भुगतान किया गया।
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