जोधपुर: भारत सरकार ने देश को साफ-सुथरा रखने के लिए कई कार्यक्रम चलाए हैं. इसमें घर-घर से कचरा जमा करने के लिए कचरा गाड़ी चलाया गया. ये गाड़ियां घर-घर जाकर कचरा जमा करता है. उसके बाद इस कचरे को डंपिंग जोन में गिरा दिया जाता है. कचरा गाड़ी की सबसे बड़ी पहचान होती है उसमें बजने वाले गाने. इसकी आवाज से ही लोग अपने घर के बाहर कचरा रख देते हैं.
लेकिन जोधपुर के कुछ इलाकों में कचरा जमा करने के लिए कचरा गाड़ी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. इन इलाकों में कचरे को जमा करने के लिए नहर निगम गधे का प्रयोग करते हैं. इसके लिए बाकायदा टेंडर निकाला जाता है. जी हां, शायद आपको यकीन नहीं होगा, लेकिन ये सच है. यहां के विधायक ने भी गधे की संख्या बढ़ाने के लिए कवायद शुरू की है.
जोधपुर के विधायक ने नगर निगम से शहर में और अधिक गधों की संख्या बढ़ाने की डिमांड की है. जोधपुर के कई इलाकों में, खासकर, ब्रम्हापुरी, खागल जैसे इलाकों में कई मोहल्लों के बीच निगम की कचरा गाड़ी नहीं जा सकती. ऐसे इलाकों में आज भी कचरा चुनने के लिए गधे का प्रयोग किया जाता है. इसके लिए बाकायदा टेंडर निकाला जाता है. हर साल यहां निगम गधों के लिए अलग से साठ लाख का टेंडर निकालती है.
जोधपुर के कई वार्डों में आज भी सफाई के लिए गधों का प्रयोग किया जाता है. इन जगहों पर कचरे को गधों के ऊपर ढोकर डंपिंग यार्ड तक लाया जाता है. इस समय जोधपुर में 65 गधे सफाई में लगाए गए हैं. इन जगहों पर अभी करीब दो सौ गधों की जरुरत है. फ़िलहाल यहां 65 लाख के टेंडर में 65 गधे लगाए गए हैं. यानी एक गधे के ऊपर एक लाख खर्च किये गए हैं.
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