डेस्क: करीब दो हफ्ते चली भारी बमबारी के बाद इजराइली सेना (Israeli Army) ने लेबनान (Lebanon) के अंदर घुसना शुरू कर दिया है. यानी अब ग्राउंड ऑपरेशन (Ground Operations) शुरू हो रहा है. हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह (Hezbollah Chief Nasrallah) की मौत के बाद ईरान समर्थित समूह की कमर टूट चुकी है. हवाई हमलों के साथ इजराइल सेना लेबनान में घुस रही है, लग रहा है कि अब लेबनान के हालात भी गाजा जैसे होने वाले हैं.
विश्व नेता पहले ही इस जंग के संभावित परिणामों को लेकर चिंता दिखा चुके हैं. वहीं खबर है कि ईरान का सहयोगी रूस भी इस जंग पर पैनी नजर बनाए हुए है. लेबनान में इजराइली सेनी की एंट्री होने पर रूस में हलचल देखी गई है. बताया जा रहा है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने कथित तौर पर लेबनान में IDF के जमीनी अभियान के बीच क्रेमलिन में सुरक्षा बैठक बुलाई है. कयास लगाए जा रहे हैं कि ये मीटिंग इजराइल के खिलाफ एक नया महाज खोलने के तैयारी से हो रही है. हालांकि, आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि होना बाकी है.
हसन नसरल्लाह की मौत के बाद रूस के अधिकारिक बयान में कहा गया था कि इजराइल की ये कार्रवाई क्षेत्रीय जंग के खतरे को बढ़ा देगी. दूसरी तरफ ईरान ने भी लेबनान पर ग्राउंड इन्वेजन के खतरनाक परिणाम भुगतने की धमकी दी थी. रूस ईरान का एक मजबूत सहयोगी हैं, दोनों के बीच सीरिया गृह युद्ध और यूक्रेन युद्ध के दरमियान संबंध और गहरे हुए हैं. ऐसे में जानकार मान रहे हैं कि रूस लेबनान को बचाने के लिए इस जंग में किसी न किसी रूप में कूद सकता है.
लेबनान और इजराइल से लगे सीरिया में पहले से रूस की सेना मौजूद है और यहां उसके कई सैन्य अड्डे हैं जो सीरियाई सेना के साथ मिलकर बशर अल-असद के विद्रोहियों को कुचल रहे हैं. इजराइल से सीधे जंग में ईरान रूस के इन सैन्य अड्डों की मदद ले सकता है. इजराइल सेना ने सोमवार को जानकारी दी कि उसने दक्षिणी लेबनान में सीमित जमीनी सैन्य कार्रवाई शुरू की है. खबरों के मुताबिक इजराइली सैनिक वायु सेना और टैंक की भारी गोलाबारी की मदद से लेबनान में आगे बढ़ रहे हैं. इजराइल सेना के बयान में कहा गया है कि उनका ये ऑपरेशन सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर हो रहा है, जिसमें हिजबुल्लाह के कई ऐसे ठिकानों को नष्ट करना शामिल जिनसे इजराइल पर हमले किए जा रहे हैं.
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