डेस्क: दुनिया में कोरोना (Corona In China) फ़ैलाने का जिम्मेदार चीन को माना जा रहा है. हालांकि, चीन ने बीते दो सालों में अपनी गलती नहीं मानी है. चीन पर आरोप लगाया गया कि चमगादड़ के मांस के सेवन से ये वायरस इंसानों में आया और फिर एक के बाद एक इसने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया. इसके बाद चीन के कई मीट मार्केट (China Meat Market) चर्चा में आ गए जहां अजीबोगरीब जानवरों का मांस बेचा जाता यह. इनमें चमगादड़ से लेकर कई तरह के सांप भी शामिल थे.
कोरोना के बाद कुछ समय के लिए इन मीट मार्केटस को बंद कर दिया गया था. लेकिन इसके बाद फिर से ये नियमित रूप से चलने लगे. चीन को कोरोना से पहले भी एक मीट फेस्टिवल की वजह से काफी विरोध का सामना करना पड़ता था. ये है चीन का डॉग मीट फेस्टिवल (Dog Meat Festival). चीन में कुत्ते का मांस काफी चाव से खाया जाता है. ना सिर्फ कुत्ते का मांस बल्कि बिल्ली का मांस भी यहां काफी बिकता है. लेकिन कोरोना के कारण उम्मीद की जा रही थी कि इनपर बैन लग जाएगा. लेकिन ऐसा हुआ नहीं.
ताजा खबर के मुताबिक़, अभी भी चीन में हर साल 1 करोड़ से ज्यादा कुत्तों को मीट के लिए मार दिया जाता है. कुत्तों के मीट को प्रॉसेस कर कैन में भरकर, या सॉसेज बनाकर या रोस्ट कर खाया जाता है. लेकिन इन सबमें ज्यादातर लोगों का फेवरिट है कुत्तों का प्राइवेट पार्ट. इसे चीन में सबसे ज्यादा चाव से खाया जाता है. ये लोगों के स्नैक्स में शामिल बेहतरीन ऑप्शंस में से एक है. चीन के क्रूर मीट मार्केट्स में इन बेजुबानों को धड़ल्ले से मारकर बेचा जाता है. चीन में कई बार पालतू कुत्तों को किडनैप कर उनका मांस बेचा जाता है.
The Humane Society ने इसे लेकर रिपोर्ट जारी की है जिसमें बताया गया है कि हर साल करीब 10 मिलियन कुत्तों को मारकर मीट मार्केट में बेचा जाता है. कुत्ते का मांस इतना बिकने का कारण है, इसे लेकर फैलाई गई गलत मेडिकल धारणाएं. बुजुर्ग इसके मांस का सेवन ताकत के लिए करते हैं. जबकि इसका कोई मेडिकल प्रमाण नहीं है. वैसे तो मई 29, 2020 को चीन में कुत्तों का मांस बेचने पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया था. इसके बावजूद आज भी ये धड़ल्ले से बिक रहा है. बता दें कि चीन के अलावा थाईलैंड, विएतनाम आदि देशों में भी कुत्ते का मांस खुले में बिकता है और लोग इसे चाव से खाते भी हैं.
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