गंभीर मरीजों के इलाज के लिए विकल्प मिला
जो संक्रमण रेमडेसिविर नहीं रोक पाता उस पर टोसी इंजेक्शन का काबू… लेकिन 3-3 लाख में भी उपलब्ध नहीं
इन्दौर। कोरोना के संक्रमण का तूफान चंद घंटों में ही मरीज के दस से पंद्रह प्रतिशत के संक्रमण को 70 से 80 प्रतिशत तक पहुंचाकर मरीज की जान ले रहा है… तूफान के इन क्षणों में रेमडेसिविर (Remedisvir ) या अन्य कोई जीवन रक्षक दवाइयां तो बेअसर ही है, लेकिन टोसी बेक्टिज नामक एक इंजेक्शन (Injection) इस तूफान को रोककर संक्रमण को थामने में सक्षम है, लेकिन आलम यह है कि यह इंजेक्शन (Injection) तीन-तीन लाख रुपए में भी बाजार में उपलब्ध नहीं होने से मौतों का सिलसिला थम नहीं पा रहा है… लेकिन अब उक्त स पन्न और रसूखदार लोगों को भी इंजेक्शन का भी विकल्प आने से आने वाले दिनों में राहत मिलने की उ मीद है…
लगभग 10 माह पूर्व कोरोना के पहले इंजेक्शन (Injection) रेमडेसिविर (Remedisvir )के आने का सबसे पहला समाचार अग्निबाण ने ही प्रकाशित किया था तब यह कोविड रोकने का एकमात्र प्रभावी विकल्प बनकर उभरा और आज भी इसकी जरूरत बरकरार है…. लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते रेमडेसिविर की उपयोगिता जहां सीमित रह गई है वहीं संक्रमण के तूफान को रोकने का एकमात्र विकल्प टोसी यानी Tocilizumab या उसका सहायक Itolizumab इंजेक्शन रह गए… यह दोनों ही इंजेक्शन आयातीत होकर इनकी उपलब्धता नगण्य है… जरूरतमंद स पन्न लोग इस इंजेक्शन का विदेशों से आयात करने के प्रयास भी करते रहते हैं… लेकिन सीमित मात्रा के चलते इसकी अनुपलब्धता के कारण स पन्न लोग भी जान गंवा रहे हैं… लेकिन अब जायडस ने उक्त इंजेक्शन के विकल्प के रूप में ब्रिक्स्टा-400 बनाने का दावा कर टोसी का विकल्प प्रस्तुत किया है… यदि यह इंजेक्शन टोसी की तरह संक्रमण के तूफान को रोकने में कामयाब रहा तो जीवन की रक्षा के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि होगी…
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