डेस्क: मौसम बदलने पर प्रवासी पक्षियों का आना जाना सामान्य बात है. मगर अमेरिका के शिकागो शहर में अजीबोगरीब वाकया हुआ. सुबह जब लोग सोकर उठे तो सड़कों पर हजारों की संख्या में पक्षी मरे पड़े मिले. लोगों को यह देखकर समझ नहीं आया कि आखिर ऐसा क्या हो गया, क्योंकि शाम को तो एक भी पक्षी यहां नहीं था. स्थानीय लोगों ने कुछ पक्षियों को अस्पताल पहुंचाया ताकि उन्हें बचाया जा सके, लेकिन ज्यादातर की मौत हो चुकी थी. साइंटिस्ट ने इसकी वजह बताई है, जो काफी अजीबोगरीब है.
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, भयानक नरसंहार गुरुवार की सुबह सामने आया, जब शिकागो के सबसे बड़े कन्वेंशन सेंटर मैककॉर्मिक प्लेस के पास डेढ़ मील के दायरे में यह पक्षी मरे मिले. ऐसा लग रहा था कि जैसे मृत पक्षियों की कालीन सी बिछी हुई हो. ऐसा लग रहा था कि सभी पक्षी कन्वेंशन सेंटर की ऊंची बिल्डिंग से टकराकर घायल हुए और बाद में उनकी मौत हो गई. अमेरिकन बर्ड कंजरवेंसी के ब्रायन लेन्ज़ ने भी दावा किया कि कांच वाली खिड़कियों से टकराकर हर साल एक अरब पक्षी मर जाते हैं, क्योंकि शीशे में उन्हें अपनी परछाई नजर आती. हो सकता है कि यहां भी ऐसा हुआ हो.
खिड़की से टकराने वाला हर पक्षी नहीं मरता
हालांकि, इस दावे पर लोग भरोसा करने को तैयार नहीं है. वेस्टर्न ओन्टारियो यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर ब्रेंडन सैमुअल्स ने कहा, खिड़की से टकराने वाला हर पक्षी नहीं मरता. हम अक्सर पक्षियों को कांच से टकराते हुए देखते हैं. इसके बाद वे कुछ दूरी तक उड़ते रहते हैं. ज्यादातर मौतें पतझड़ और बारिश के मौसम में होती हैं. अलग हवा, बारिश और कोहरे जैसी परिस्थतियों की वजह से जान जा सकती है. जहां तक कांच की खिड़की की बात है. शीशे में जब पक्षियों को अपनी परछाई नजर आती है तो वे अचानक खुद को देखकर घबरा जाते हैं और नीचे गिर जाते हैं. नाजुक होने की वजह से कुछ मौके पर ही दम तोड़ देते हैं. इसीलिए ऐसी इमारतों की लाइट्स नहीं बंद करनी चाहिए.
हमने पिछले 40 वर्षों में कभी नहीं देखा
शिकागो बर्ड कोलिजन मॉनिटर्स के निदेशक एनेट प्रिंस ने बताया कि करीब 15 लाख पक्षी हर साल इधर से उधर आवाजाही करते हैं. इनमें टेनेसी वॉरब्लर्स, हर्मिट थ्रश, अमेरिकन वुडकॉक और अन्य प्रकार के सोंगबर्ड्स शामिल हैं. उन्होंने कहा, मैककॉर्मिक में जो कुछ हुआ, वैसा हमने पिछले 40 वर्षों में कभी नहीं देखा. यह दुखद घटना उच्च तीव्रता वाले प्रवासन, उड़ान के लिए प्रतिकूल मौसम की स्थिति और 583,000 वर्ग फुट के ग्लास मैककॉर्मिक प्लेस से निकलने वाली चमकदार रोशनी की वजह से प्रतीत होती है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved