रांची (Ranchi) । ईडी (Ed) की कार्रवाई के बाद झारखंड (Jharkhand) में सियासी सरगर्मी एक बार फिर से तेज हो गई है। मुख्यमंत्री के दिल्ली से लौटने के बाद झामुमो, कांग्रेस और राजद विधायकों की बैठकों के कई दौर चले। राज्य में विपरीत परिस्थिति होते ही और मुख्यमंत्री की कुर्सी खतरे में पड़ने पर झारखंड के नेतृत्वकर्ता का चेहरा बदल सकता है। सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) की पत्नी कल्पना सोरेन (wife Kalpana Soren) का नाम मुख्यमंत्री के रूप में सामने आ सकता है। वे झामुमो विधायक दल की नेता बन सकती हैं और राजभवन जाकर राज्यपाल से सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती हैं।
मंगलवार देर रात तक चली महागठबंधन विधायकों की बैठक में इस पर सहमति भी बनाने का प्रयास किया गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इसके लिए अधिकृत किया गया है। कांग्रेस ने भी स्पष्ट कर दिया है कि मुख्यमंत्री किसी को भी सीएम का उम्मीदवार बनाते हैं तो कांग्रेस को कोई आपत्ति नहीं है और वे उनके फैसले के साथ रहेगी।
वहीं, अगर कल्पना सोरेन का नाम आने पर झामुमो और परिवार में विरोध होता है तो झामुमो कोटे के मंत्री चंपई सोरेन और मंत्री जोबा मांझी का नाम मुख्यमंत्री के लिए आगे लाया जा सकता है। इन नामों पर सोरेन परिवार के साथ पार्टी के अन्य विधायकों में भी विरोध होने की संभावना नहीं है। वहीं, कल्पना सोरेन के नाम पर सीएम हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन और भाई बसंत सोरेन विरोध करते हैं और भाजपा की ओर जाते हैं तो पार्टी को टूटने से बचाने का भी संकट सामने होगा। हालांकि, झामुमो की मानें तो इस तरह की चर्चा का कोई आधार नहीं है। इसको भाजपा अधिक हवा दे रही है।
अगर केवल ये दोनों विधायक ही हेमंत से बागी हुए तो सरकार व पार्टी को कोई खतरा नहीं होगा, उल्टे इनकी सदस्यता तक जाने का मामला भी बन जाएगा। वहीं, अगर पार्टी के दो तिहाई विधायक इनके साथ होंगे तो ये पार्टी से अलग हो सकते हैं। वैसे इसकी संभावना कम है, लेकिन राजनीति में कुछ भी हो सकता है। मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार इसके उदाहरण हैं।
सीता ने कहा , अपनी भतीजी को क्यों नहीं आशीर्वाद देते
विपरीत परिस्थिति आने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी को सीएम बनाने की चर्चा पर उनकी भाभी और जामा से झामुमो विधायक सीता सोरेन नाराज बताई जाती हैं। वह मंगलवार को विधायक दल की बैठक में नहीं आईं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सीता सोरेन ने कहा है कि कल्पना सोरेन उन्हें किसी हाल में स्वीकार नहीं है। उनके दिवंगत पति दुर्गा उरांव ने झामुमो के स्थापित करने के लिए काफी संघर्ष किया है। उपेक्षा होने पर अब वह चुप नहीं रहेंगी। दो बच्चियों को उन्होंने काफी तकलीफ से पाला है। घर की बड़ी बहू होने के नाते उनका हक बनता है। उनकी बेटियां बड़ी हो गई हैं। अगर हेमंत सोरेन के बड़े भाई की पुत्री से स्नेह है तो वे पिता के तौर पर उसे आशीर्वाद दें।
हेमंत लामबंदी में जुटे, कहा- लड़कर जीतेंगे
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ईडी की कार्रवाई के खिलाफ लामबंदी में जुट गए हैं। उन्होंने दिल्ली से रांची लौटते ही सत्ताधारी गठबंधन के मंत्रियों और विधायकों के साथ अपने आवासीय कार्यालय में मंगलवार दोपहर दो बजे बैठक की। उन्होंने सभी से एकजुट रहने का आह्वान किया। बैठक के बाद सभी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका पहुंचे। बापू की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। हेमंत ने लापता होने के सवाल पर कहा ऐसी बात क्यों, मैं तो यही हूं। उन्होंने यह भी कहा- लड़े हैं, लड़ेंगे, जीते हैं, जीतेंगे।
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