डेस्क: झारखंड (Jharkhand) में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने दोबारा सरकार बना ली है. जेएमएम (JMM) ने 56 सीटों पर जीत दर्ज की तो वहीं एनडीए (NDA) गठबंधन ने 24 सीटों पर जीत हासिल की. झारखंड चुनाव में एनडीए गठबंधन का आंकड़ा भले की सीटों के मामले में कम हो, लेकिन ये अगले पांच साल हेमंत सोरेन को डराता रहेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि भाजपा का सीट शेयर जेएमएम के मुकाबले काफी ज्यादा है.
झारखंड चुनाव में INDIA गठबंधन की जेएमएम का वोट शेयर 23.43 फीसदी रहा, कांग्रेस का 15.57 फीसदी, आरजेडी का 3.44 फीसदी और बीकेपी का 1.89 फीसदी. वहीं अकेले बीजेपी का सीट शेयर 33.17 फीसदी रहा. यानी की हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा से 9.74 फीसदी ज्यादा. एनडीए गठबंधन में आजसू का वोट शेयर 3.55 फीसदी, एलजेपी का 0.61 फीसदी और जेडीयू का 0.81 फीसदी रहा.
झारखंड चुनाव में जब हम अन्य छोटे दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों के वोट शेयर की बात करते हैं तो यहां पर कांग्रेस से भी ज्यादा वोट शेयर इन छोटे दलों का रहा. कांग्रेस का वोट शेयर 15.57 फीसदी था तो वहीं अन्य छोटे दलों का 17.53 फीसदी. इससे यह कहा जा सकता है कि अगले 5 साल तक इंडिया गठबंधन या फिर हेमंत सोरेन सरकार के लिए मुश्किल हो सकते हैं.
झारखंड चुनाव में जयराम टाइगर महतो की पार्टी झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा ने भी एक सीट पर जीत हासिल की है, लेकिन यह एक ऐसी पार्टी है, जिसने एनडीए और INDIA गठबंधन के कई सीटों पर खेल खराब किया है. जयराम महतो झारखंड में कुर्मी वोट बैंक की राजनीति करते हैं. यह कुर्मी वोटर आजसू के सुदेश महतो की पार्टी का कोर वोटर कहा जाता है. जयराम महतो की पार्टी ने जिन सीटों पर एनडीए और इंडिया गठबंधन का खेल बिगाड़ा है उसमें सिल्ली, टुंडी, इचागढ़, तमाड़, चंदनकियारी, मांडू, कांके और रामगढ़ शामिल है.
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