नई दिल्ली(New Delhi) । लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections)में मुंबई आतंकी हमले(mumbai terrorist attacks) का मुद्दा फिर एक बार गरमाया है । नेताओं के अपने-अपने दावें है । वहीं कांग्रेस नेता विजय वडेत्तिवार(Congress leader Vijay Wadettiwar) ने बड़ा दावा (big claim)किया है। महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता वडेत्तिवार ने शनिवार को कहा कि आईपीएस अधिकारी हेमंत करकरे की मौत अजमल कसाब या किसी आतंकी की गोली से नहीं बल्कि एक पुलिस अधिकारी की ही गोली से हुई थी जो कि RSS से जुड़ा था। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी और वकील उज्ज्वल निकम पर आरोप लगाया कि उन्होंने गद्दारी की और इस तथ्य को छिपा लिया। बता दें कि उज्ज्वल इस मामले में सरकारी वकील थे।
वडेत्तिवार ने कहा, जांच के दौरान कुछ बड़ी जानकारियों सामने आई थीं। इसके बावजू उज्ज्वल निकम ने इन्हें छिपा लिया। मेरा सवाल है कि अब भाजपा आखिर ऐसेगद्दार को लोकसभा चुनाव में क्यों उतार रही है? ऐसा करके भाजपा एक गद्दार को बचा रही है। वडेत्तिवार के इस बयान का निकम और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी जवाब दिया।
फडणवीस ने कहा कि वडेत्तिवार का बयान निराधार है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कसाब की समर्थक रही है। वहीं निकम ने कहा कि इस तरह के निराधार आरोपों से हमें बेहद दुख होता है। यह ओछी राजनीति का उदाहरण है। मुझे नहीं पता था कि वोट के फायदे के लिए लोग इतना गिर जाएंगे। वडेत्तिवार केवल मेरा अपमान नहीं कर रहे हैं बल्कि 26/11 के हमले में जिन 166 लोगों की जान गई थी उन सब का अपमान है।
उन्होंने आगे कहा, कांग्रेस का कहना था कि कसाब निर्दोष है। यहां तक कि पाकिस्तान ने मान लिया था कि वह इस साजिश में शामिल था। सभी को पता है कि कसाब को सजा दिलाने के लिए कानूनी कार्रवाई की गई थी। निकम ने कहा कि 4 जून को इन लोगों को जनता जवाब दे देगी। वहीं फडणवीस ने कहा कि हमारा और निकम का साथ है वहीं कांग्रेस ने कसाब के साथ हाथ मिलाया। वहीं शिवसेना के प्रवक्ता किरन पावस्कर ने कहा कि एनआईए को वडेत्तिवार को गिरफ्तार कर लेना चाहिए। बड़े आश्चर्य की बात है कि ऐसे बयान पर उद्धव ठाकरे भी चुप हैं।
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