नई दिल्ली. महाराष्ट्र (Maharashtra), गोवा (Goa) और कर्नाटक (Karnataka) समेत देश के कई राज्यों में इन दिनों आफत की बारिश (Rain) हो रही है. हालात ये हैं कि कई राज्यों के निचले इलाकों में बाढ़ (Flood) की स्थिति बन गई है. ऐसे में राहत और बचाव कार्य के लिए तीनो सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने के लिए सैन्य विभाग में सेंटर वॉर रूम तैयार किया जा रहा है. इस वॉर रूम के जरिए बाढ़ से प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को बचाने और उनकी मदद करने में आसानी होगी.
पिछले कई दिनों से हो रही बारिश के कारण महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक और बिहार में बाढ़ की स्थिति बन गई है. कई राज्यों के गांव पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं और खेतों और सड़कों पर पानी भर गया है. महाराष्ट्र में बाढ़, बारिश और भूस्खलन ने इस कदर तबाही मचाई है कि अब तक करीब 112 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 99 लोगों का अभी तक पता नहीं चल सका है.
महाराष्ट्र में 1 लाख 35 हजार लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया
राहत और पुनर्वास विभाग विभाग ने जानकारी देते हुए कहा कि भूस्खलन के कारण हुए हादसे में मलबे से लोगों को निकालने का काम लगातार जारी है. राज्य में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए अब तक करीब 1 लाख 35 हजार लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकाला गया है. राहत और बचाव कार्य से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक बाढ़ के चलते अब तक 3221 पशुओं की भी मौत हो चुकी है और 53 लोग घायल हुए हैं.
गोवा के सत्तारी और बिचोलिम तहसील में बाढ़ जैसी स्थिति
गोवा के उत्तर में सत्तारी और बिचोलिम तहसील तथा दक्षिण में धारबंदोरा समेत कई हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जहां पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश के बाद कुछ नदियों का जलस्तर बढ़ जाने से कई घर डूब गए हैं. राहत और बचावकार्य से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ के चलते अभी तक किसी की मौत होने की जानकारी नहीं है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, सत्तारी तहसील के कम से कम 100 घर, पिछले एक हफ्ते से हो रही भारी बारिश के बाद महादयी नदी में जलस्तर बढ़ने के चलते बृहस्पतिवार रात से डूबे हुए हैं. उन्होंने बताया, “कोई हताहत नहीं हुआ है लेकिन बाढ़ जैसी स्थिति है. जिन लोगों के घर पूरी तरह पानी में डूब गए हैं, वे खुद से सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं.
कर्नाटक के 131 गांव और 16,213 लोग बाढ़ से प्रभावित
कर्नाटक के तटीय, मालनाड़ एवं उत्तरी आंतरिक इलाकों में मूसलाधार बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई और भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं. मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने शनिवार को जिला प्रभारी मंत्रियों को अपने संबंधित जिलों में रहने और राहत एवं बचाव अभियानों की निगरानी करने के निर्देश दिए हैं. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार कल शाम तक राज्य के 18 तालुकाओं में 131 गांव और 16,213 लोग बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं. तीन लोगों की जान जा चुकी है तथा दो लापता हैं. प्राधिकरण के मुताबिक सैकड़ों घर तबाह हो गए तथा 8,733 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. कल शाम तक 80 राहत शिविरों में 4,964 लोगों ने शरण ली थी.
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