इंदौर। आम जनता को समय पर न्याय दिलाने के लिए सीएम द्वारा शुरू की गई हेल्पलाइन में इंदौर में 13000 से अधिक मामले अटके पड़े हैं। चुनाव में अधिकारियों की व्यस्तता के चलते कई विभागों की रैंकिंग चौथे पायदान तक सरक गई है।
पिछले डेढ़ महीने से चुनाव करा रहे अधिकारियों और विभिन्न पार्टियों की हलचल का खामियाजा आम जनता को ही भुगतना पड़ा है। सीएम हेल्पलाइन में मिली शिकायतों का निराकरण नहीं हो सका, वहीं आमतौर पर कलेक्टोरेट में आने वाले आवेदनों को भी निराकरण का इंतजार है।
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मई में जहां 13000 मामले रजिस्टर्ड किए गए, वहीं जून में 16500 मामले हेल्पलाइन में दर्ज हैं। जुलाई महीने में अब तक 6000 शिकायतें मिली हंै, लेकिन उनमें से सिर्फ 22000 का ही निवारण किया जा सका है। अभी भी 13147 शिकायतों पर पेंडिंग का ठप्पा लगा है। इन शिकायतों में सबसे ज्यादा पुलिस विभाग, नगर निगम, आदिवासी विभाग, कृषि, सामाजिक न्याय, रेवेन्यू के मामले हैं।
डी रैंकिंग पर पहुंचा इंदौर जिला प्रशासन
सीएम हेल्पलाइन पर पहले और दूसरे पायदान पर रहने वाला इंदौर जिला प्रशासन डी रैंकिंग यानी आठवें पायदान पर पहुंच गया है। ज्ञात हो कि सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर सबसे ज्यादा संतुष्ट आवेदकों के मामले के निराकरण पर हर महीने रैंकिंग दी जाती है। पिछले डेढ़ महीने से त्रिस्तरीय नगरीय निकाय चुनाव में अमला बिजी है। उच्च स्तर से लेकर सभी वर्ग के अधिकारी चुनाव कराने में व्यस्त रहे, जिससे काम नहीं हो पाए।
इस हफ्ते कमर कसी
हालांकि अभी आने वाले 1 हफ्ता और मतगणना, जीत की घोषणा के कामों में जाने वाला है। फिर भी विभाग ने कमर कस ली है। एडीएम पवन जैन के अनुसार इस महीने की रैंकिंग जारी होने में अभी समय है। अब चुनाव में लगे कर्मचारियों को भी कार्यमुक्त कर दिया गया है। इसलिए विभागों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि बचे हुए 1 हफ्ते में सभी मामलों का निराकरण किया जाए, ताकि इस माह में जारी होने वाली रैंकिंग में थोड़ा सुधार किया जा सके।
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