उज्जैन। केडीगेट से इमली तिराहे तक का चौड़ीकरण यहाँ के लोगों के लिए मुसीबत बन गया है और कीचड़ तथा धूल के बीच अपने हाथों से लोग मकान तोड़ रहे हैं, क्योंकि नगर निगम तोड़ेगी तो 10 की जगह 20 फीट तोड़ देगी और कहर झेल रहे लोगों के लिए और मुसीबत होगी। इसलिए लोग अपने हाथों से मकान तोड़ रहे हैं या फिर मिस्त्री से तुड़वा रहे हैं। अग्रिबाण द्वारा कल प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किए जाने के बाद आयुक्त रोशनसिंह ने शाम को इंजीनियरों की टीम लगा दी थी और दावा किया गया है कि काम तेजी से चल रहा है। चार-पाँच दिन पहले केडी गेट से इमली तिराहे तक का चौड़ीकरण शुरू हुआ। शुरुआत में केडी गेट चौराहे से हम्मालवाड़ी चौराहे तक मकान तोडऩे का काम शुरू किया गया था और ठेकेदार के लोग भी यहीं मकान तोड़ रहे थे लेकिन चौड़ीकरण में छूट की लोगों को अब कोई उम्मीद नहीं थी इसलिए नयापुरा से लेकर भेरूनाला और भेरूनाला से लेकर लालबाई-फूलबाई तक लोगों ने अपने-अपने मकानों का चौड़ीकरण में प्रभावित भाग खुद हटाना शुरू कर दिया।
ऐसे में मलवा इस पूरी सड़क पर फैल गया और इसे उठाने की व्यवस्था नगर निगम के पास इतनी नहीं थी। नगर निगम सिर्फ केडी गेट चौराहे का ही मलवा हटा रही थी। जब इस क्षेत्र की गटर जाम हुई और बदबूदार पानी सड़कों पर फैला और इसके बाद बारिश हुई तो यह मलबा कीचड़ में तब्दील हो गया। इससे इस मार्ग पर लोगों का पैदल निकलना भी मुहाल हो गया। नगर निगम ने एक सेक्टर के हिसाब से एकमात्र इंजीनियर अनिल जैन और कुछ कर्मचारियों को लगा रखा था। बाद में जब निगमायुक्त को पता लगा और कल अग्निबाण ने खबर प्रकाशित की कि चौड़ीकरण में लोगों की जिंदगी नर्क हो गई है, चारों तरफ कीचड़ फैला है तो इस पर ध्यान देते हुए निगमायुक्त ने इस पूरे मार्ग को चार भागों में बाँटा और 8 इंजीनियर तैनात किए जो तत्काल वहाँ के लोगों की समस्या सुनेंगे और हाथों-हाथ मलबा उठाने तथा वहाँ की समस्या सुलझाने के लिए तैनात रहेंगे। वैसे भी चौड़ीकरण का काम शुरू करने में नगर निगम काफी लेट हो गई है। अब मानसून भी 10-15 दिन में दस्तक देने वाला है, ऐसे में यदि मकान तुड़ाई का काम जल्दी नहीं किया तो यहाँ के रहवासियों की आफत बढ़ सकती है। क्योंकि इतनी जल्दी तो निर्माण नहीं कराया जा सकता है और टूटे-फूटे मकान में ही बरसात निकालना होगी।
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