उज्जैन: आज रात विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के आसपास कुछ अलग ही नजारा दिखाई देगा. एक ओर भारतीय वायु सेना का हेलीकॉप्टर महाकाल मंदिर पर पहुंचेगा तो दूसरी ओर हेलीकॉप्टर में बैठे कमांडो हथियार लेकर महाकाल मंदिर के परिसर में प्रवेश करेंगे. इस दौरान ये कमांडों उन आतंकियों को पकड़ेंगे जो मंदिर में दहशत और आतंक फैलाने के लिए घुसे हैं. दरअसल इस अफरा-तफरी के बीच सुरक्षा व्यवस्था की जांच की जाएगी और मॉक ड्रिल की जाएगी.
सोमवार रात 9 बजे से रात 2:30 बजे के बीच महाकाल मंदिर में एनएसजी कमांडो महाकाल मंदिर में आतंकी हमले से सुरक्षा की मॉकड्रिल करेंगे. इस दौरान नो फ्लाइंग जोन में भारतीय वायु सेना का एक हेलीकॉप्टर पहुंचेगा. जिसमें से लगभग 7 कमांडो महाकाल मंदिर परिसर में उतरेंगे और आतंकियों को चेतावनी देते नजर आएंगे. सोर्स के मुताबिक इस मॉकड्रिल में एनएसजी के साथ मध्यप्रदेश पुलिस की स्पेशल फोर्स भी अभ्यास करती नजर आएगी. जिसमें एनएसजी कमांडो व पुलिस गोलियों का भी प्रयोग करेगी जिसकी आवाज देर रात को सुनाई देगी. इस मॉकड्रिल को लेकर उज्जैन पुलिस को अलर्ट मोड पर रखा गया है.
इसीलिए हो रही मॉकड्रिल
सूत्रों ने उज्जैन में NSG मॉकड्रिल होने के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि 11 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकाल लोक का उद्घाटन किया था. जिसके बाद से ही बाबा महाकाल की इस नगरी में लगातार श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. प्रतिदिन बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए लगभग डेढ़ लाख श्रद्धालु देश विदेश से उज्जैन पहुंच रहे है. ये संख्या शुक्रवार से सोमवार के बीच बढ़कर दो से ढाई लाख तक पहुंच जाती है. हाल ही में श्रावण व अधिकमास के दौरान लगभग ढाई करोड़ से अधिक श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन का लाभ लेने उज्जैन पहुंचे थे. इन्हीं सभी बिंदुओं को ध्यान में रखकर महाकाल मंदिर में इस प्रकार की मॉकड्रिल करवाई जा रही है.
क्यों होती है एनएसजी मॉकड्रिल
बताया जाता है कि देशभर के खास स्थान पर आतंकी हमले से सुरक्षा की तैयारी को लेकर इस प्रकार की मॉकड्रिल की जाती है. इस मॉकड्रिल को उज्जैन में करने के पीछे सीधा सा कारण यह है कि अगर महाकाल मंदिर में कोई आतंकी हमला होता है तो किस प्रकार से बचाव किया जाएगा.
दो हफ्ते पहले लखनऊ में हुई थी मॉकड्रिल
बताया जाता है कि दो हफ्ते पहले लखनऊ में विधानसभा व लोक भवन पर भी इसी प्रकार एनएसजी की मॉकड्रिल हुई थी. जिसमें सेना का हेलीकॉप्टर विधानसभा पहुंचा था और यहां नो फ्लाइंग जोन में एनएसजी कमांडो ने यह देखा था कि आतंकी हमले से विधानसभा और लोकभवन को किस प्रकार से बचाया जा सकता है.
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