नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों और मृत्यु दर में वृद्धि होने के बीच नगर में गुरुवार को वेंटिलेटर से लैस उपलब्ध गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) बेड की संख्या घटकर 205 रह गई। वहीं कम से कम 60 अस्पतालों में कोई बेड खाली नहीं है।
राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को संक्रमण के 5,246 नए मामले दर्ज किए गए। इस बीच तापमान में कमी होने और हवा की गुणवत्ता खराब होने से सांस संबंधी बीमारियों के बढ़ने की आशंका है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने गुरुवार को कहा कि शहर में कोविड-19 मरीजों के लिए बेडों की संख्या नौ से 26 नवंबर के बीच 16,172 से बढ़कर 18,252 हो गयी है।
मंत्री ने ट्विटर पर कहा, “पिछले 15 दिनों में दिल्ली के अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए 1359 आईसीयू बेड सहित 2080 बेड बढ़ाए गए हैं।” ट्वीट में दिए गए आंकड़ों के अनुसार वेंटिलेटर के साथ 211 आईसीयू बेड बढ़ाए गए हैं और इस तरह के बेडों की कुल संख्या 1,264 से बढ़कर 1,475 हो गई है। दिल्ली सरकार के ‘ऑनलाइन कोरोना डैशबोर्ड’ के अनुसार गुरुवार शाम 5.10 बजे, शहर में वेंटिलेटर वाले 205 कोविड आइसीयू बेड खाली थे।
आईसीयू बेड की कमी मौतों में वृद्धि का बड़ा कारण है
जिन अस्पतालों में कोई बेड खाली नहीं है, उनमें बेस अस्पताल दिल्ली कैंट, उत्तर रेलवे अस्पताल, सर गंगाराम अस्पताल, बत्रा अस्पताल, विम्हांस और इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल शामिल हैं। शहर में कोविड का इलाज मुहैया कराने वाले 100 से अधिक अस्पतालों में, कम से कम 30 में पांच से कम खाली बेड हैं। इनमें लोक नायक अस्पताल, राम मनोहर लोहिया अस्पताल, दीप चंद बंधु और मैक्स स्मार्ट गूजरमल मोदी अस्पताल शामिल हैं। विशेषज्ञों के अनुसार नगर में कोविड-19 मरीजों की मौतों में वृद्धि के लिए आईसीयू बेड की कमी प्रमुख कारणों में से एक है।
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