नई दिल्ली (New Delhi)। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड (Himachal Pradesh and Uttarakhand) में मानसून ने इस बार भारी तबाही मचाई है। मानसून के आगमन के बाद दोनों प्रदेश में बारिश का कहर देखने को मिल रहा है। हर साल मानसून सीजन (monsoon season) में आपदा की वजह से सैकड़ों लोग काल के मुंह में समा जाते हैं, वहीं सैकड़ों मकान भी तबाह हो जाते हैं। इस बार मानसून (monsoon) ने 24 जून को प्रदेश में दस्तक दी थी, तब से प्रदेश में जान-माल का भारी नुकसान हो रहा है।
पहाड़ी राज्यों में भारी बारिश के चलते कई पर्यटकों की जान पर बन आई। हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले में स्थित झील चंद्रताल में भारी बारिश और बर्फबारी के चलते 300 पर्यटक फंस गए। भारी बारिश के कारण आई आपदा में पिछले तीन दिनों में राज्य में 31 लोगों की जान चली गई। जबकि मंडी, कांगड़ा व लाहौल स्पीति में चार लोग लापता हैं। वहीं, उत्तराखंड के उत्तरकाशी में मंगलवार को भूस्खलन होने से पांच पर्यटकों की मौत हो गई और आठ अन्य घायल हो गए। पंजाब और हरियाणा में भी बाढ़ के हालात हैं, जिससे पर्यटक जगह-जगह फंसे हुए हैं।
वायु सेना की मदद मांगी गई
अधिकारियों ने बताया, 14,100 फुट की ऊंचाई पर स्थित चंद्रताल में 300 पर्यटक शिविरों में फंसे हैं। भारी बारिश-बर्फबारी के चलते वे वापस नहीं लौट पा रहे। प्रशासन ने वायु सेना से हेलीकॉप्टर के जरिये उन्हें बचाने की अपील की है।
हेलीकॉप्टर को दोपहर के समय भुंतर से रवाना किया गया, पर खराब मौसम और घने बादल के कारण उसे वापस लौटना पड़ा। वहीं, काजा से एक बचाव दल उन्हें बचाने के लिए निकल चुका है, जबकि बारिश बंद होने के बाद हेलीकॉप्टर फिर भेजा जाएगा। राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में करीब 600 पर्यटक फंसे हैं। सोमवार से अब तक राज्य के कई हिस्सों में फंसे करीब 100 पर्यटकों को बचाया जा चुका है।
वहीं चमोली जिले में जुम्मागाड़ नदी में आई बाढ़ से उस पर बना पुल बह गया। इससे वहां भारत-तिब्बत सीमा मार्ग अवरुद्ध हो गया और एक दर्जन से अधिक सीमावर्ती गांवों का संपर्क टूट गया। जोशीमठ से करीब 45 किलोमीटर दूर जोशीमठ-नीति हाईवे पर जुम्मा गांव के पास बहने वाली इस नदी में पानी मंगलवार को भी खतरे के निशान से ऊपर बहता रहा। वहीं, उत्तरकाशी में भूस्खलन से तीन गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। इस घटना में मारे गए चार लोग मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं।
उत्तर प्रदेश में तीन की मौत
उत्तर प्रदेश में मंगलवार को बारिश संबंधी घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि गौतम बौद्ध नगर, सीतापुर और मैनपुरी जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। मौसम विभाग के मुताबिक 15 जुलाई तक राज्य में बारिश जारी रहेगी। राज्य के पश्चिमी हिस्सों में कई स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है।
हरियाणा-पंजाब में अब तक 11 की मौत
हरियाणा और पंजाब में तीन दिनों से लगातार जारी बारिश से करोड़ों की संपत्ति को नुकसान पहुंचा और 11 लोगों की जान चली गई। मंगलवार को ही पंजाब में तीन लोगों की मौत हुई। बारिश थमने के बाद दोनों राज्यों की सरकारों ने प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के प्रयास तेज कर दिए। अधिकारियों ने बताया, दोनों राज्यों में कई घरों में पानी भर चुका है और फसल को नुकसान पहुंचा है।
रूपनगर, पटियाला, मोहाली, अंबाला और पंचकूला सहित प्रभावित जिलों में राहत आश्रय बनाए गए हैं। सर्वाधिक प्रभावित पंजाब के रूपनगर जिले में एनडीआरएफ की पांच टीम तैनात की गई हैं। पंजाब में शाहकोट के पास सतलुज नदी के बाढ़ के पानी में 24 वर्षीय एक व्यक्ति की डूबने से मौत हो गई। राज्य के ही होशियारपुर में छत गिरने से एक बुजुर्ग की जान चली गई, जबकि राजपुरा में एक निजी विश्वविद्यालय के परिसर में पानी घुस जाने से 19 वर्षीय छात्र डूब गया। वहीं, हरियाणा के अंबाला में एक छात्रावास में पानी भर गया, जिसके बाद 730 छात्राओं को कुरुक्षेत्र ले जाया गया।
राजस्थान : कई इलाकों में बहुत ज्यादा भारी बारिश
राजस्थान के कई इलाकों में मंगलवार को भारी से अति भारी बारिश हुई। सिरोही के शिवगंज में सबसे अधिक 13 सेंटीमीटर बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार, प्रतापगढ़ व धौलपुर में 9-9 सेमी, सांगोद (कोटा), पावटा व चौमूं (दोनों जयपुर में), सुमेरपुर (पाली) में 8-8 सेमी. बारिश दर्ज की गई जबकि कई अन्य इलाकों में 8 सेंटीमीटर तक बारिश हुई। विभाग ने बुधवार को बारां, भरतपुर, बूंदी, धौलपुर, झालावाड़, करौली, कोटा, सवाई माधोपुर जिलों में भारी बारिश का अनुमान व्यक्त किया हैा सोमवार की रात प्रतापगढ़ जिले में कर्मवाछनी नदी में एक 35 वर्षीय युवक डूब गया।
महाराष्ट्र : नदी के बीच में स्थित मंदिर से पांच को बचाया
भंडारा जिले में मंगलवार को भारी बारिश के कारण जल स्तर बढ़ने के बाद वानगंगा नदी के बीच में स्थित एक मंदिर से पांच लोगों को बचाया गया, जहां वे शनिवार से फंसे हुए थे। क्षेत्र में भारी बारिश के बीच नदी का जल स्तर 243.60 मीटर तक बढ़ गया और नृसिंह मंदिर में मौजूद पांच लोग फंस गए।
गंगोत्री हाइवे पर हुए हादसे में चारों मृतकों और घायलों की हुई शिनाख्त
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के गंगोत्री हाइवे पर सोननगर पर पहाड़ी खिसकने से मारे गए लोगों और घायल होने वालों की शिनाख्त हो गई है। इस हादसे में चार लोगों की मौत हुई है और सात लोग घायल हुए हैं।
इन सभी शवों और घायलों का रेस्क्यू कर लिया गया है। इस हाइवे पर 3 वाहन फंस गए थे। इनमें कुल 30 लोग सवार थे। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से एक की हालत गंभीर है, जिसे एम्स,ऋषिकेश के लिए एयरलिफ्ट किया गया है।
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