शिमला: हिमाचल प्रदेश में गर्मी से पहाड़ तपने लग गए हैं, लेकिन अब लोगों को राहत मिलने वाली है. पहाड़ से लेकर मैदान तक झमाझम बारिश होने के आसार हैं. मौसम विभाग ने अगले चार दिन के लिए भारी बारिश और आंधी-तूफान और बर्फबारी का अनुमान लगाया है. इससे पहले, बीते 24 घंटे में हिमाचल में चंबा, किन्नौर, शिमला के खदराला में बारिश हुई है. वहीं. चंबा के भरमौर, शिमला के जुब्बल और लाहौल स्पीति के कोकसर में ओलावृष्टि हुई है.
रविवार को हिमाचल प्रदेश के मौसम विभाग के शिमला केंद्र की तरफ से एडवायजरी जारी की गई है. एडवायजरी में लोगों और सैलानियों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है. साथ ही अगले चार दिन तक भारी बारिश की संभावना जताई गई है.
मौसम विभाग के अनुसार, 17 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव होगा और इस वजह से अगले तीन चार दिन तक बारिश, ओलावृष्टि और तूफान की संभावना है. 18 और 19 अप्रैल को मौसम और ज्यादा खराब होगा और बिसालपुर, चंबा, कांगड़ा, मंडी और शिमला में भारी बारिश के अलावा, हिमपात की भी होने का अनुमान है. वहीं, चंबा, लाहौल स्पीति, किन्नौर, कांगड़ा, कुल्लू और शिमला के ऊंचा इलाके में बर्फबारी होगी. इस दौरान तूफान और बिजली गिरने की भी संभावनाएं हैं. अगले तीन से चार दिन में पारा 2 से 3 डिग्री तक गिरेगा.
रविवार को बादल छाए
हिमाचल प्रदेश में रविवार को हल्के बादल छाए हुए हैं. इससे तापमान में हल्की गिरावट देखने को मिली. ऊना में शनिवार के मुकाबले तापमान में एक डिग्री की गिरावट दर्ज की गई और यहां अधिकतम पारा 38 डिग्री रिकॉर्ड हुआ. शिमला में न्यूनतम पारे में हल्की गिरावट आई है और यह 15 डिग्री दर्ज किया गया है. लाहौल स्पीति के केलांग में न्यूनतम पारा 2.8 डिग्री दर्ज किया गया है. वहीं, लाहौल के सिस्सु और अटल टनल के आसपास बड़ी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं. यहां पर अब भी बर्फ की सफेद चादर देखी जा सकती है.
एडवायजरी में क्या बोला विभाग
मौसम विभाग ने अंदेशा जताया है कि बारिश और बर्फबारी के चलते हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में सड़कों पर यातायात पर असर पड़ सकता है. टूरिस्ट को खास सलाह दी गई है कि वह सावधान रहें. वहीं, मध्य और मैदानी इलाकों में बिजली और दूरसंचार सेवाओं पर भी असर पड़ सकता है. इस दौरान विजिबिलिटी में भी परेशानी हो सकती है. मौसम विभाग ने किसानों को अगले चार दिन तक किसी भी तरह का खेतीबाड़ी से जुड़ा काम करने से इंकार किया है. वहीं, ओलावृष्टि से बचने के लिए एंटी हेलनेट के इस्तेमाल की सलाह दी है.
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