नई दिल्ली: गुजरात (Gujarat) में पिछले दो दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है, जिसके चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. राज्य के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. मौसम विभाग (Meteorological Department) ने 27 अगस्त को गुजरात में 7 जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट (red alert for rain), 22 जिलों में ऑरेंज अलर्ट और 4 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है. गुजरात मे भारी बारिश की चेतावनी के चलते शिक्षा विभाग ने कल 27 अगस्त को सभी प्राथमिक स्कूलों मे छुट्टी घोषित की है.
राजकोट में लगातार दूसरे दिन भी भारी बारिश का दौर जारी है. राजकोट में 24 घंटो में 10 इंच बारिश हो चुकी है. कई इलाकों में जलभराव हुआ, राजकोट के कलावड़ रोड,150 फुट रिंग रोड, रैया रोड,पोपटपरा अंडर पास और कई इलाकोंमें पानी भर गया, जिसकी वजह से वाहन चालकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा. हालांकि, इस बारिश की किसानों को बहुत जरूरत थी क्योंकि बारिश की कमी के कारण किसानों की फसल बर्बाद हो रही थी, जिसे अब नवजीवन मिला है,लेकिन यह बारिश शहरी इलाकों में मुश्किल लेकर आई है क्योंकि महानगर निगम की लापरवाही के कारण कई इलाकों में जलभराव हो गया है. राजकोट का जन्माष्टमी मेला भी भारी बारिश के कारण फ्लॉप हो चुका हैं और मेले के ग्राउंड में भी पानी भर चुका है.
सूरत के कादरसा नाल इलाके में तापी नदी का पानी गटर के रास्ते पहुंच गया, जिसकी वजह से इस इलाके में रहने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों के घरों और दुकानों के आगे पानी भर जाने से वहां पार्क वाहन भी पानी में डूब गए हैं. उकाई बांध से छोड़े जा रहे है 2.50 लाख क्यूसेक पानी की वजह से सूरत शहर के बीच से होकर गुजरने वाली तापी नदी का जल स्तर बढ़ गया है. बढ़े जलस्तर के चलते मनपा ने फ़्लडगेट बंद कर दिये नतीजन गटर का पानी नदी में नहीं जा रहा है और गटर के ज़रिए नदी का पानी निचले इलाक़े में भर गया है.
गुजरात में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से सरदार सरोवर बांध का जलस्तर बढ़कर 135.26 मीटर तक पहुंच गया है, जिसके कारण डैम के 15 गेट खोले गए और नर्मदा नदी में 3,67, 853 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. वहीं प्रशासन ने नर्मदा नदी के दोनों किनारों पर बसे भरूच, वडोदरा और नर्मदा के करीब 42 गांवों को अलर्ट कर दिया है. इसके अलावा सभी तटीय इलाकों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं.
गुजरात में भारी बारिश की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने गांधीनगर में एक उच्च स्तरीय बैठक की. मुख्यमंत्री ने बारिश प्रभावित जिलों के कलेक्टरों, नगर निगम आयुक्तों और जिला अधिकारियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की और प्रासंगिक जानकारी प्राप्त की. उन्होंने विशेषकर निचले इलाकों के लोगों को सुरक्षित निकालने का आग्रह किया है और कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि बरसात का पानी भारी मात्रा में एवं खतरनाक तरीके से बहने पर किसी भी व्यक्ति को नदी नालों या सड़कों को पार करने या प्रवेश करने से रोकने के लिए विशेष सतर्कता बरती जाए और यदि आवश्यक हो तो पुलिस की मदद से लोगों को सख्ती से रोका जाए.
मुख्यमंत्री ने सिस्टम ऑपरेटरों और वरिष्ठ अधिकारियों को बारिश के कारण बिजली आपूर्ति, सड़कों या आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पर असर पड़ने पर भी युद्ध स्तर पर काम करके स्थिति को बहाल करने के निर्देश दिए हैं. पूरे राज्य के जिन 7009 गांवों में बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई थी, उनमें से 6977 गांवों में स्थिति बहाल हो गयी है और बिजली आपूर्ति शुरू हो गयी है. वहीं 6090 बिजली खंभों में से 5961 की मरम्मत कर ली गयी है. मुख्यमंत्री ने बारिश रुकने के तुरंत बाद महामारी की रोकथाम के लिए सुरक्षात्मक उपाय करने, कीटनाशकों के रिसाव, मिट्टी, तलछट को हटाकर सफाई अभियान चलाने और सड़क पर अवरोधों को हटाने और सड़कों को वाहनों के आवागमन के लिए उपयुक्त बनाने के भी निर्देश दिए हैं. फिलहाल राज्य में सूरत, नवसारी, वलसाड, तापी डांग और छोटाउदेपुर जिलों में कुल 523 सड़कें बंद हैं.
मौसम विभाग के अधिकारियों ने अगले दो से तीन दिनों तक राज्य में व्यापक और भारी बारिश की भविष्यवाणी की है और रेड अलर्ट जारी किया है, जिसको देखते हुए मुख्यमंत्री ने इन जिलों के कलेक्टरों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान नवसारी, वलसाड, डांग, पंचमहल और वडोदरा व छोटा उदयपुर सहित सबसे अधिक प्रभावित जिलों के कलेक्टरों के साथ-साथ वडोदरा के नगर आयुक्त के साथ नदियों के जल कवर, यातायात विनियमन व निकासी पर विस्तार से बातचीत की और अपने जिलों के निचले इलाकों के लोगों की गहन समीक्षा की. इसके अलावा मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने संबंधित जिला प्रभारी सचिवों को भारी बारिश की स्थिति में स्थानीय जिला व्यवस्था का मार्गदर्शन करने के लिए तत्काल उन्हें सौंपे गए जिला मुख्यालय पर पहुंचने के निर्देश दिए हैं.
गुजरात में पिछले 24 घंटे में 244 तहसीलों में बारिश हुई है और औसतन 63 मिमी बारिश दर्ज की गई है. 24 घंटे में हुई बारिश से 3 लोगों की मौत हुई है. राज्य में 1 जून से अब तक 17,827 लोगों को सुरक्षित स्थानो पर स्थानांतरित किया गया है और 1,653 लोगों को रेस्कयू किया गया है. बता दें कि प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ की 13 टीमें और एसडीआरएफ की 22 टीमें तैनात की गई हैं, जो बचाव और राहत कार्यों में मदद कर रही हैं.
पूरे राज्य में 33 जिलों के 244 तालुका में बारिश हुई है. पूरे गुजरात में इस साल सीजन की औसत बारिश 88.88 फीसदी रही है. वहीं राज्य के 206 जलाशयों में से 59 जलाशय 100% भरे हुए हैं. 72 जलाशय हाई अलर्ट पर हैं और 22 अलर्ट पर हैं, 9 में बाढ़ की चेतावनी है और 7 नदियां उफान पर हैं. इसके अलावा सरदार सरोवर बांध में कुल भंडारण क्षमता का 88.74% यानी 2,96,459 एमसीएफटी पानी है. भारी बारिश के कारण साबरकांठा में हिम्मतनगर की हाथमती नदी पर कार फंस गई. ये हादसा काटवाड कोजवे पर हुआ था. कार में सवार दो युवकों को फायर ब्रिगेड ने बचाया. वहीं घटनास्थल पर लोगों की भारी भीड़ लग गई.
गुजरात के आणंद जिले में छह घंटे में औसतन साढ़े पाच इंच बारिश हुई, जिससे आणंद शहर समेत जिले भर के निचले इलाकों में जलभराव हो गया और बारिश के कारण पेड़ों और बिजली के पोलों के गिरने से विभिन्न सड़कें बंद हो गईं. आणंद के लोटेश्वर तालाब ओवर फ्लो होने से, व्यायामशाला सड़क पर पानी भर गया, राजोद तालाब ओवर फ्लो होने से रास्ते पर जल भराव हुआ. वहीं चिखोदरा सड़क पर गांव को जोड़ने वाली सड़क पर डेढ़ से दो फीट पानी भर गया और राधाकृष्ण प्रतिमा गंज रोड में भी पानी भर गया. भालेज ओवरब्रिज साइड रोड जलमग्न हुआ है, जबकि नया वतन सोसायटी में घरों में बारिश का पानी घुसने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. आणंद में बारिश के चलते कई रास्ते बंद हैं. साथ ही जिलाधिकारी ने सभी कर्मचारियों को आपदा की स्थिति में मुख्यालय नहीं छोड़ने का निर्देश दिया है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved