जनप्रतिनिधियों और एमआईसी मेम्बरों से मीटिंग में फैसला वापस लेने की पूरी संभावना, शहर की धरोहर किराये पर देने के फैसले पर अधिकारियों से भी जवाब-तलब
इंदौर। शहर की ऐतिहासिक धरोहर को किराये पर देने के मामले में चौतरफा विरोध के चलते इस फैसले को वापस लिए जाने की पूरी संभावना है। कल दिनभर इसको लेकर पूर्व सांसद सुमित्रा महाजन सहित राजनीतिक दलों और सामाजिक संस्थाओं ने काफी विरोध किया। इसलिए निगम गांधी हॉल को किराये पर देने का अपना निर्णय न केवल वापस ले सकता है, बल्कि इस मामले में स्मार्ट सिटी के अधिकारियों से भी जवाब-तलब हो सकता है।
उज्जैन की निजी कंपनी को गांधी हॉल को 50 लाख रुपए सालाना किराये पर देने के मामले में निगम बैकफुट पर आ गया है। गांधी हॉल जैसी ऐतिहासिक धरोहर को स्मार्ट सिटी योजना के तहत 9 करोड़ रुपए की लागत से सजाया-संवारा गया था। इसी बीच स्मार्ट सिटी कंपनी के अधिकारियों ने इसे 50 लाख रुपए सालाना किराये पर दे दिया, जिसका शहर में चौतरफा विरोध शुरू हो गया है। कल पूर्व सांसद सुमित्रा महाजन ने खुला ऐलान किया कि वे न केवल गांधी हॉल को किराए पर देने के विरोध में है, बल्कि जो इसका विरोध करेगा, उसका साथ भी देंगी। इस मामले में आज एमआईसी मेम्बर और जनप्रतिनिधियां की बैठक बुलाने की संभावना है। फिलहाल महापौर ने स्मार्ट सिटी कंपनी के अधिकारियों को आगे की प्रक्रिया रोकने के लिए कहा है।
शहर की धरोहर को कैसे मेन्टेन करना है, इसको लेकर स्मार्ट सिटी कंपनी से बात की जाएगी। फिलहाल उन्हें कहा गया है कि इस मामले में आगे न बढ़ें और न अभी किसी को गांधी हॉल दें। हम जल्द ही इस बारे में कोई फैसला लेंगे।
-पुष्यमित्र भार्गव, महापौर
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