शिवपुरी। मध्यप्रदेश के शिवपुरी (Shivpuri of Madhya Pradesh) शहर सहित इसके आसपास के इलाकों में बड़ौदी, हातौद, कोटा गांव सहित पिछोर के खोड, जयनगर, राजगढ़, करैरा, अमोलपठा, तिलडबरा, छित्तीपुर, बाचरौन आदि गांव में शनिवार को भारी ओलावृष्टि (heavy hailstorm) हुई है। इस ओलावृष्टि से गेहूं, सरसों, चने की जो फसल खेतों में खड़ी हुई थी, उसे भारी नुकसान हुआ है। बड़े-बड़े ओले गिरने से चिंता में नजर आए किसानों ने खड़ी फसलों को अपनी आंखों के सामने नुकसान होते हुए देखा है। किसानों का कहना था कि हे भगवान यह तूने क्या कर दिया।
शनिवार को अचानक मौसम में बदलाव के बीच झमाझम बारिश हुई। अंचल में शिवपुरी, करैरा, पिछोर तहसीलों में ओलावृष्टि हुई है। खेतों में खड़ी फसलों पर सफेद चादर के ओले बिछ गए। जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। अचानक से इस ओलावृष्टि ने किसानों को भारी नुकसान पहुंचा दिया। बड़े-बड़े ओले खेतों में गिरे। इस बीच कई किसानों ने कहा कि हे भगवान तुमने क्या कर दिया हमें बर्बाद कर दिया। खड़ी फसल पर नुकसान पहुंचा दिया। इस ओलावृष्टि से किसान वर्ग परेशानी में आ गए हैं। कई किसानों ने बताया है कि उनकी खड़ी फसल थी और केवल कुछ ही दिनों में कटने वाली थी, लेकिन अचानक इस प्राकृतिक आपदा ने उन्हें भारी नुकसान में पहुंचा दिया है।
शिवपुरी जिले के कई गांव में ओलावृष्टि के बाद अब स्थानीय किसानों की मांग है कि जल्द से जल्द उन्हें नुकसान की भरपाई की जाए क्योंकि वह इस समय भारी परेशानी में आ गए हैं। हाथ में ओले लेकर खेतों में खड़े किसानों ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से मांग की है कि जल्द से जल्द उनके नुकसान की भरपाई की जाए। इसके लिए जल्द से जल्द सर्वे हो। किसानों का कहना है कि गेहूं, सरसों, चना, धनिया की खड़ी फसलों को इस ओलावृष्टि ने भारी नुकसान पहुंचा है।
शिवपुरी में अचानक मौसम बदलने से अंचल में हुई बारिश और ओलावृष्टि से न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। अचानक इस ओलावृष्टि से न्यूनतम तापमान गिर गया और ठंड बढ़ गई। मौसम में आए इस बदलाव के बीच दोबारा से ठंड का एहसास लोगों को होने लगा है। न्यूनतम तापमान 14 डिग्री के आसपास दर्ज किया गया। इससे पहले दिन में धूप निकलने से अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी हुई थी लेकिन अब ओलावृष्टि और बारिश के बाद ओले गिरने से न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।
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