इंदौर । मप्र में नगरीय निकाय चुनाव की हलचल तेज हैं. टिकट के दावेदार और टिकट (Ticket) देने वाले सब सक्रिय हैं. कोशिश यही है कि हमें और हमारों को टिकट मिल जाए. इंदौर में मेयर का पद के लिए भारी मारामारी है. बीजेपी के दिग्गजों के बाद अब सिंधिया लॉबी भी सक्रिय है.
प्रदेश (Madhya Pradesh) स्तर के नेताओं ने अपने अपने समर्थकों के लिए लॉबिंग शुरू कर दी है. प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर (Indore) पर सबकी निगाहें लगी हुईं हैं. हालांकि बीजेपी संगठन की ओर से एक बात कही जा रही है कि पार्टी युवाओं को मौका देगी. लेकिन कांग्रेस (Congress) ने अनौपचारिक रूप से विधायक संजय शुक्ला (Sanjay Shukla) को टिकट की हरी झंडी दे दी है. इससे बीजेपी खेमे में बेचैनी बढ़ गई है. शहर की सरकार के लिए सिंधिया (Jyotiraditya Scindia),वीडी शर्मा और सीएम समर्थक अपनी अपनी गोटियां बैठाने में लगे हैं.
कांग्रेस से पिछड़ी बीजेपी
मध्यप्रदेश के बड़े महानगरों में शहर की सत्ता को अपने कब्जे में रखने के लिए बीजेपी और कांग्रेस के नेता अपने अपने समर्थकों पर दांव लगा रहे हैं. मिनी मुंबई इंदौर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने विधानसभा एक से कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला को मेयर का चुनाव लड़ने के लिए कह दिया है. उनका जनसंपर्क भी शुरू हो गया है. लेकिन बीजेपी प्रत्याशी चयन में पिछड़ गयी है.
त्रिवेद में सामंजस्य बैठाना होगा
मेयर के टिकट के लिए बीजेपी को पार्टी को सिंधिया (Jyotiraditya Scindia), (Shivraj Singh Chauhan) शिवराज और वीडी शर्मा (VD Sharma) में सामंजस्य बनाना होगा.हालांकि सिंधिया समर्थकों को भरोसा है कि उनके लिए महाराज पूरा जोर लगा देंगे.जिस तरह दो मंत्रियों को वापस शपथ दिलाने के मामले में हुआ था. उसी तरह टिकट के लिए भी वो अड़ सकते हैं.
इंदौर पर दबदबे की ख्वाहिश
सिंधिया आर्थिक राजधानी इंदौर की सरकार में अपना दखल रखना चाहते हैं. जब वो कांग्रेस में थे तब भी उन्हीं के खास समर्थक प्रमोद टंडन लगातार 12 साल तक शहर कांग्रेस अध्यक्ष रहे.उन्हें कोई नहीं हटा पाया.अब बीजेपी में भी वो इसी तरह का फार्मूला अपना रहे हैं.कांग्रेस इसे प्रेशर पॉलिटिक्स बता रही है. कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला का कहना है कि सिंधिया के दबाव का दर्द अभी हाल ही में बीजेपी के प्रदेश प्रभारी पी.मुरलीधर राव के बयान में भी झलकता दिखाई दिया.बीजेपी प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में उन्होंने कहा था कि सिंधिया समर्थकों की वजह से हमारे पुराने नेता मंत्री नहीं बन पाए और कितना एडजस्ट करें. इसके बावजूद सिंधिया चाहते हैं कि नगरीय निकाय चुनाव में ज्यादा से ज्यादा टिकट उनके समर्थकों को ही मिलें.
मोहन सेंगर के ख्वाब
ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास समर्थक मोहन सेंगर 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर बीजेपी के रमेश मेंदोला के खिलाफ लड़े थे. वो अब मेयर पद का चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. उन्हें लग रहा है कि सिंधिया की बदौलत उन्हें मेयर का टिकट मिल जाएगा.हालांकि वो कहते हैं कि बीजेपी महाराज के साथ आए सभी लोगों को अंगीकार कर चुकी है.सभी को आत्मीय रूप से अपनाया जा चुका है,जहां तक मेयर के टिकट की बात है उसे भी चुनाव लड़ने का अवसर मिलेगा.उसे इंदौर की जनता का आशीर्वाद भी मिलेगा.
क्या युवा को मिलेगा टिकट
बीजेपी नगरीय निकाय चुनाव की प्रदेश स्तरीय समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य और पूर्व मेयर कृष्ण मुरारी मोघे का कहना है मेयर के टिकट का निर्धारण करने का अधिकार प्रदेश चुनाव समिति को है. उसकी क्या प्राथमिकताएं रहेंगी ये वहीं तय करेगी.हालांकि इसमें युवाओं का जरूर ध्यान रखा जाएगा.अभी तक बीजेपी की चार नगर परिषदों में 90 फीसदी युवा ही रहे हैं.पार्टी ने युवाओं के लिए गाइडलाइन भी बनाई है. उसका नगरीय निकाय चुनाव के टिकट वितरण में भी ध्यान रखा जाएगा.
सिंधिया समर्थकों का ज़ोर
सीएम शिवराज सिंह पर नगरीय निकाय चुनाव में पिछले परिणाम को दोहराने का दबाव है.पिछले चुनावों में सभी नगर निगमों में भाजपा का कब्जा था. शिवराज फिर से सभी पर जीत की तैयारी कर रहे हैं. पार्टी स्तर पर ये बात तय हो गई है कि नगरीय निकाय चुनाव में ज्यादा से ज्यादा टिकट भाजपा के लोगों को ही दिये जायेंगे.इसीलिए सिंधिया समर्थकों को टिकट देने का कोई फार्मूला अभी तक तय नहीं किया गया है.बावजूद इसके सिंधिया समर्थक टिकट के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं.
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