उज्जैन। जिला अस्पताल में डेंगू के खतरे के बीच साफ-सफाई नियमित रूप से नहीं हो पा रही है। यहाँ अन्य बीमारियों का उपचार कराने आ रहे लोग मच्छरों से परेशान हैं। सरकारी रिकार्ड में अभी भी डेंगू नियंत्रित बताया जा रहा है लेकिन निजी अस्पतालों में डेंगू के रोज नए मामले बढ़ रहे हैं।
पिछले कुछ दिनों में जहाँ एक ओर शहर में कोरोना की वापसी हो गई है, वहीं दूसरी ओर सर्दी-खाँसी और वायरल बुखार के साथ-साथ डेंगू के केस भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जिला अस्पताल की ओपीडी में आज भी सुबह से भीड़ पड़ रही है। यहां ओपीडी के पूरे समय तक 600 से अधिक मरीज रोज उपचार कराने आ रहे हैं। करीब-करीब सभी मरीजों को सर्दी, खांसी, वायरल बुखार जैसी समस्या है। डेंगू पीढि़तों को यहां उपचार नहीं मिल पा रहा। यहीं कारण है कि डेंगू के केस जिला अस्पताल के मुकाबले निजी अस्पतालों में ज्याद बढ़ रहे हैं।
लोग भी इस बीमारी का सरकारी अस्पताल की बजाय निजी अस्पतालों में मजबूरी में उपचार करा रहे हैं, क्योंकि जिला अस्पताल परिसर से लेकर वार्डों में साफ-सफाई नहीं हो रही है। यहां भर्ती अन्य बीमारी के मरीज भी गंदगी और मच्छर के कारण परेशान है। उनका कहना है कि कहीं वे भी डेंगू के शिकार न हो जाए। दूसरी ओर जिला मलेरिया विभाग के रिकार्ड में अभी भी डेंगू और मलेरिया के मामले इकाई के अंक में ही है। जबकि निजी अस्पतालों में डेंगू के 50 से ज्यादा मरीजों का ईलाज चल रहा है। ऐसा लग रहा है कि अस्पताल में सफाई होना बंद हो गई है तथा कोई ध्यान देना वाला नहीं है। ऐसे में यहाँ पर जो लोग भर्ती हैं तथा उनके परिजन हैं उनको बीमारी हो सकती है। पूरे शहर में मलेरिया डेंगू और वायरल फेल रहा है तथा अस्पताल में जहाँ सफाई होना चाहिए वहाँ भारी गंदगी है।
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