उज्जैन। रमजान महीने में शहर के साथ ही प्रदेशभर में खजूर की खपत में इजाफा हो गया है। खजूर से रोजा इफ्तारी करना सुन्नत माना गया है, इसलिए मुस्लिम समुदाय इफ्तारी में खजूर को प्रमुख तौर पर शामिल करता है। दुनिया में खजूर की करीब 2 हजार किस्में पाई जाती हैं। उज्जैन की बात करें, तो केवल उज्जैन में ही खजूर की लगभग सौ किस्में मौजूद हैं। उज्जैन के प्रमुख खजूर कारोबारी के मुताबिक, पूरे प्रदेश में केवल रमजान के दौरान ही 200 टन खजूर की खपत होती है। फिलहाल उज्जैन में भी रमजान के चलते दुकानों और ठेलों पर खूब खजूर नजर आ रही है। पूरे महीने उज्जैन में खजूर की अच्छी खपत होगी। जानकारी के मुताबिक, भारत में खजूर की आवक 16 देशों से होती है। इनमें आठ देश प्रमुख हैं, जहां से भारत में लगातार खजूर मंगाया जाता है। भारत में सबसे ज्यादा खजूर इराक, ईरान और सऊदी अरब से आता है, लेकिन इस साल खजूर की आवक कम है, इसलिए इसकी कीमतों में मामूली इजाफा भी है।
सालभर बनी रहती है मांग
खजूर व्यापारियो के कोरोना काल के बाद से इसे खाने से होने वाले फायदे के चलते अब खजूर केवल 4 महीने ही नहीं, पूरे साल खाया जा रहा है, जिसके चलते दुनियाभर में खजूर की इतनी ज्यादा मांग है कि खपत की तुलना में कोई भी देश उतनी पूर्ति नहीं कर पा रहा है। दुनियाभर के सभी देशों में खजूर के गुणों के कारण कोरोना के बाद से खजूर की मांग लगातार बढ़ी हुई है। उमराह और हज के फिर शुरू होने के कारण भी खजूर की काफी मांग रहेगी, इसलिए वहां से
भी खूजर कम आ रहा है।
सऊदी अरब की खजूर की मांग ज्यादा
मध्यप्रदेश में सऊदी अरब की खजूर की ज्यादा मांग रहती है। वहीं, अगर भारत में खपत की बात करें, तो इराक की खजूर की भारत में सबसे ज्यादा मांग रहती है। यह खजूर अन्य देशों की खजूर के मुकाबले सस्ती भी होती है और दक्षिण भारत के साथ पश्चिम बंगाल वाले क्षेत्र में ज्यादा खाया जाता है। इराक से हर साल भारत में 3 से साढ़े तीन लाख टन खजूर की आवक होती है। दूसरे नंबर पर ईरान है, जो खजूर की सबसे ज्यादा किस्में देता है। यह सालभर में डेढ़ से 2 लाख टन खजूर भारत को देता है। सऊदी अरब से साल भर में डेढ़ लाख टन खजूर आयात की जाती है।
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