वाराणसी। वाराणसी (Varanasi) में जैसे-जैसे शाम हुई शहर स्वर्ग सा नजर (look like heaven) आने लगा। दोपहर से ही लोग घाटों पर देवों की दिवाली (Diwali of Gods) देखने के लिए जम गए। दीयों से घाट जगमगा उठे। उत्तरवाहिनी गंगा (north channel ganga) के तट पर 85 घाटों पर 12 लाख और जन सहभागिता से लगभग कुल 22 लाख दीप काशीवासी के घाटों, कुंडों, तालाबों और सरोवरों पर जलाए गए। पर्यटक गंगा पार रेती पर शिव के भजनों के साथ क्रैकर्स शो का भी आनंद ले सकेंगे। गंगा द्वार पर लेजर शो के माध्यम से श्री काशी विश्वनाथ धाम पर आधारित काशी का महत्व और कॉरिडोर के निर्माण संबंधित जानकारी लेजर शो के माध्यम से दिखाई जाएगी।
देव दीपावली पर घाटों पर दीये अलौकिक छटा बिखेर रहे हैं। जिसे देखकर लोग मंत्रमुग्ध हो गये। शूलटंकेश्वर घाट पर बीना पब्लिक स्कूल लठिया के छात्र छात्राओं ने दीपदान किया। दीपदान के बाद मां गंगा की भव्य आरती की। प्राचीन शिव धाम मंदिर दरेखू बाणासुर मंदिर नरउर, मोहनसराय तालाब, भगवती माता मंदिर अखरी पर लोगों ने दीपदान किया। वहीं देव दीपावली पर लोगों ने अपने घरों व मंदिरों को दीयों से आकर्षक ढंग से सजाया। मानों धरती पर तारे जगमगा रहे हों।
देव दिवाली के लिए प्रदेश के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ वाराणसी पहुंचे हैं। विश्वविख्यात काशी की देव दीपावली का विधिवत उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नमो घाट से किया। यहां मुख्यमंत्री 70 देशों के राजदूत और विदेशी प्रतिनिधियों की मौजूदगी में पहला दीप जलाया। इसके बाद बाकी घाटों पर दीप प्रज्ज्वलन शुरू हुआ।
यहां से मेहमानों के साथ सीएम क्रूज पर सवार होकर घाटों के अप्रतिम छटा निहारने के लिए निकले। करीब सवा छह बजे सीएम का क्रूज दशाश्वमेध घाट के सामने पहुंचा और मनमोहक गंगा आरती के साक्षी बने। वाराणसी के घाट और सड़कों पर जगह-जगह रंगोली नजर आ रही है। कहीं शिव मंत्र का जाप तो कहीं कथा हो रही है।
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