भोपाल। ठंड के दिनों में आम दिनों की तुलना में ह्रदय रोगियों के लिए अधिक सचेत रहने की जरूरत होती है। प्रदेश में पिछले 2 माह में हार्ट अटैक के केस करीब 15 प्रतिशत तक बढ़ चुके हैं। 108 एम्बुलेंस ने करीब 200 से ज्यादा ह्रदयरोगियों को सीने में दर्द होने पर तुरंत उन्हें चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करवाई। इसमें से कई ऐसे हैं जो आगे की जिंदगी जी पाए और जबकि कुछ जिंदगी की लड़ाई हार गए। प्रदेश में कोरोना काल के बाद लोगों में सेहत को लेकर चिंता बढ़ी है। सुबह-शाम की वॉक, साइक्लिंग और जिम के बावजूद कुछ मामले ऐसे भी हैं जो अकारण ही आकास्मिक स्थिति बन रही है। इसका सामना प्रदेश में कई लोग कर चुके हैं। इससे निकलने के लिए हर ह्रदयरोगी के पास सीमित समय ही होता है, जिसे गोल्डन ऑवर कहते हैं। इसी गोल्डन ऑवर में कई लोगों को समय पर उपचार के जरिए जिंदगी की हारती जंग से बचाया जा सकता है। ऐसे में कई बार समय पर चिकित्सकीय सहायता या फिर उपचार नहीं मिलने की वजह उनकी जान चली जाती है।
निजी वाहन के बजाय एंबुलेंस की लें मदद
जेएईएस 108 एंबुलेंस सेवा के सीनियर मैनेजर तरुण सिंह परिहार ने बताया कि प्रदेश में ठंड बढऩे के बाद ह्रदयरोग से जुड़े मामले बढ़ जाते हैं। पिछले 2 माह में करीब 15 प्रतिशत मामलों में बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में प्री-हॉस्पिटल केयर बहुत महत्वपूर्ण होती है। यदि ऐसी स्थिति बने तो निजी वाहन के बजाय एम्बुलेंस का उपयोग अधिक जीवनदायक होता है। एंबुलेंस में सभी प्रकार के जीवनरक्षक उपकरण और प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टॉफ होता है जो जान बचाने में सहायक होता है।
ठंड में बढ़े ह्रदयरोगी
डॉक्टरों का कहना है कि ठंड के दिनों में ह्रदय की धमनियां सिकुड़ जाती है। ऐसे में सतर्क रहना जरूरी है। कई बार काम करते या फिर अचानक चलते हुए ही अचानक सीने में दर्द उठने की शिकायत होती है। इसके बाद तुरंत इलाज कराएं। ठंड में हार्ट अटैक के साथ ब्रेन स्ट्रोक के मरीज भी तेजी से बढ़ रहे हैं। दिसंबर माह ब्रेन स्ट्रोक आने पर कई मरीजों को एंबुलेंस को अस्पताल पहुंचाया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि ठंड में धमनियों के सिकुडऩ का असर ब्रेन पर भी पड़ता है। ऐसे में ब्रेन और हार्ट दोनों का ही खास ध्यान रखना जरूरी है।
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