डेस्क: ठंड के इस मौसम में अगर अचानक आपकी हार्ट बीट बढ़ रही है तो इस पर ध्यान देने की जरूरत है. इस समस्या को टैचीकार्डिया कहते हैं. इसमें आपका हार्ट एक मिनट में 100 से ज्यादा बार धड़कता है. जबकि, हार्ट बीट प्रति मिनट 60 से 90 के बीच होनी चाहिए. अगर बिना किसी एक्सरसाइज या फिजिकल वर्क के भी दिल तेजी से धड़क रहा है तो ये चिंता का कारण बन सकता है.
डॉक्टर बताते हैं कि टैचीकार्डिया की वजह से हार्ट फेल, स्ट्रोक और सडन कार्डियक अरेस्ट होने का भी खतरा रहता है. जब दिल तेजी से धड़कता है तो शरीर के बाकी हिस्सों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं हो पाती है. इस स्थिति में सांस लेने में कठिनाई और छाती में दर्द भी होता है. इसलिए दिल की बढ़ रही धड़कन पर ध्यान देने की जरूरत है. आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि इस बीमारी की पहचान और बचाव कैसे कर सकते हैं.
अचानक मौत होने का भी खतरा
राजीव गांधी हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी विभाग में सर्जन डॉ अजित कुमार बताते हैं कि अकसर लोगों को रात में सोते समय हार्ट बीट बढ़ने की समस्या होती है, लेकिन लोग इस पर ध्यान नहीं देते हैं, जिससे बाद में हार्ट अटैक आने का भी रिस्क रहता है. इसलिए अगर आपको लग रहा है कि बिना फिजिकल वर्क के ही आपका दिल तेजी से धड़क रहा है और ये समस्या अकसर हो रही है तो तुरंत डॉक्टरों से मिलना चाहिए. कई बार हार्ट बीट बढ़ने के साथ ही कमजोरी, सांस लेने में परेशानी और अचानक पसीना भी आता है.
ये तीनों ही दिल का दौरा पड़ने के लक्षण है. ऐसी स्थिति में अचानक ही मौत होने का खतरा रहता है. इस स्थिति से बचाव के लिए तुरंत अस्पताल जाना जरूरी है. चेकअप के बाद डॉक्टर तेज दिल की धड़कन को नियंत्रित करने यालिए दवा, कैथेटर प्रक्रिया या फिर गंभीर मामलों में सर्जरी की सलाह भी दे सकते है, हालांकि कुछ ऐसे तरीके भी हैं, जिनका पालन करने से इस समस्या से बचाव किया जा सकता है.
इन तरीकों से करें बचाव
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