इंदौर। कल विश्व हृदय दिवस पर शहर के ख्यात अस्पताल ने हृदय रोगों से लडऩे के लिए जागरूकता पखवाड़े की शुरुआत की। हृदय रोगों के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रहने वाले शैल्बी अस्पताल ने दिल की बीमारियों से होने वाली हानि से बचने के लिए प्राथमिक जांच की शुरुआत भी रियायती दर पर शुरू की है। शैल्बी अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. सिद्धांत जैन के अनुसार वर्तमान समय में हार्ट अटैक ने अपनी दस्तक को बदला है। अब पहले की तरह उलटे हाथ में दर्द, सीने में दर्द, बगैर किसी घबराहट के भी हार्ट अटैक आ रहे हैं, जिसे साइलेंट हार्ट अटैक कहा जा रहा है।
विश्व हृदय दिवस हमें याद दिलाता है कि भारत में दिल की बीमारियां कितनी बड़ी समस्या बन चुकी हैं। 40 से 69 साल के लोगों में 45 प्रतिशत मौतें दिल की बीमारियों की वजह से रही हैं। मौजूदा समय में दिल की बीमारी सिर्फ बुजुर्गों की समस्या नहीं रही है, चिंता की बात यह है कि भारतीय पुरुषों में 50 प्रतिशत दिल के दौरे 50 साल की उम्र से पहले और 25 प्रतिशत 40 साल की उम्र से पहले हो जाते हैं। इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए ही शैल्बी हॉस्पिटल दिल की बीमारियों से लडऩे का बीड़ा उठाया है। शैल्बी अस्पताल में आधुनिक तकनीक, विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम और लोगों को जागरूक करने के प्रयासों में कभी पीछे नहीं रहा है। हृदय संबंधित रोगों के लिए शैल्बी अस्पताल में डॉ. शिरीष अग्रवाल, डॉ विवेक जोशी, डॉ अनुरेश जैन, डॉ. मोहम्मद अली अपनी पूरी टीम के साथ अस्पताल में सेवाएं दे रहे हैं, जिससे शहर के मरीजों को अन्य राज्य में नहीं जाना पड़ रहा है।
हृदय सर्जरी के क्षेत्र में अग्रणी
शैल्बी इंदौर मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी, कोरोनरी आर्टरी बापपास ग्राफ्टिंग, एंडोस्कोपिक वेसल हार्वेस्टिंग, और वात्तव सर्जरी के क्षेत्र में अग्रणी है। ये तकनीके मरीजों के जल्दी स्वस्थ होने, कम घाव और बेहतर परिणामों की दिशा में मदद करती हैं। हॉस्पिटल लगातार गंभीर हृदय रोगों के मरीजों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी सेवाओं को उन्नत कर रहा है।
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