अभिनेत्री कंगना रनौत के कार्यालय में मुंबई नगर पालिका द्वारा की गयी तोड़फोड़ के मामले में आज यानि बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। इस मामले में शिवसेना नेता संजय राउत व मुंबई महानगरपालिका का वो अधिकारी भी पक्षकार बनेगा, जिसने कंगना का कार्यालय तोड़ने के आदेश दिया था।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मामले में एक्ट्रेस के ऑफिस पर बुलडोजर चलाने का आदेश देने वाले अधिकारी और शिवसेना के राज्यसभा से सांसद संजय निरुपम को पक्षकार बनाने की बात कही है। कंगना की तरफ से संजय राउत के उखाड़ दिया वाले बयान कि सीडी हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान दी गई थी जिसके बाद हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया है।
जानकारी के अनुसार इस बंगले के कुछ हिस्सों को बीएमसी ने 9 सितंबर को तोड़ दिया था। जिसके बाद एक्ट्रेस ने हाई कोर्ट का रुख किया था। अदालत ने इस मामले में कंगना से 14 सितंबर को और बीएमसी से 18 सितंबर को जवाब मांगा था। एक्ट्रेस की और से सोमवार को सप्लीमेंट्री एफिडेविट दायर किया गया था।
कंगना ने बॉम्बे हाई कोर्ट में बीएमसी के हलफनामे पर अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि उनके दफ्तर पर की गई बीएमसी की कार्रवाई पक्षपातपूर्ण थी। उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि जब कार्रवाई हुई, उस दौरान उनके दफ्तर में कोई निर्माण कार्य चल रहा था, हालांकि दूसरी तरफ बीएमसी अवैध निर्माण का कोई भी सबूत पेश नहीं कर पाई है।
विदित हो कि बीमसी ने पिछले हफ्ते अपने वकील जोएल कार्लोस के जरिये रनोट की याचिका के जवाब में न्यायमूर्ति एस जे कथावाला की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष हलफनामा दायर किया था। नगर निकाय ने कहा था कि अभिनेत्री ने इमारत में बिना इजाजत अहम ढांचागत बदलाव किये थे। नगर निकाय ने उच्च न्यायालय से अनुरोध किया था कि वह रनौत की याचिका को रद्द कर दे और उन पर याचिका दायर करने का जुर्माना भी लगाए जो कि न्यायिक प्रक्रिया का “दुरुपयोग” थी। जिसकी सुनवाई आज हो रही है।
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