नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) की मान्यता रद्द करने की मांग वाली याचिका पर केंद्र, दिल्ली सरकार और चुनाव आयोग (ईसी) से जवाब मांगा है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक धन का उपयोग करके गणेश चतुर्थी को बढ़ावा दिया है। धर्मनिरपेक्ष देश में यह संविधान के विपरीत है।
मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों को नोटिस जारी नहीं
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति अमित बंसल की पीठ ने स्पष्ट किया कि वह केंद्र, दिल्ली सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर रही है न कि मुख्यमंत्री और राज्य के अन्य मंत्रियों को।
अधिवक्ता एमएल शर्मा ने दायर की याचिका
याचिकाकर्ता और अधिवक्ता एमएल शर्मा ने कहा कि वह आप को एक राजनीतिक दल के रूप में मान्यता रद्द करने और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य मंत्रियों को संवैधानिक कार्यालय से हटाने के लिए निर्देश देने की मांग कर रहे थे।
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