- मप्र हाईकोर्ट से सभी याचिकाएं स्थानांतरित करने का मामला
भोपाल। मप्र में अन्य पिछडा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने से संबंधित 4 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई हैं। जिन पर सुनवाई अब 4 जुलाई को होगी। कोर्ट ने सभी पक्षकारों को सूचना नहीं पहुंच पाने की वजह से सुनवाई को आगे बढ़ा दिया है। मप्र शासन ने जबलपुर हाईकोर्ट में लंबित ओबीसी आरक्षण से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में करने को लेकर याचिका दायर की है। जिस पर 12 मई को सुनवाई होना थी।
सालिसीटर जनरल आफ इण्डिया तुषार मेहता ने कहा कि उक्त प्रकरणों में समस्त अनावेदकों को नोटिस तामील नहीं हुए हैं। इसलिए उक्त प्रकरणों कि सुनवाई संभव नहीं है। तब जस्टिस संजय किशन कौल अध्यक्षता बाली खंडपीठ ने उक्त समस्त प्रकरणों की सुनवाई के लिए ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद 4 जुलाई निर्धारित की है। उल्लेखनीय है कि इंद्रा शाहनी वनाम भारत संघ में सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों कि बैंच के फैसले के अनुसार मध्य प्रदेश में 27 फीसदी आरक्षण क़ी मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिशन सहित पूर्व से कई याचिकाएं लंबित है। इसलिए पूर्व क़ी सुनवाई में उच्च न्यायालय को इस तथ्य से अवगत कराया गया था तब हाईकोर्ट ने पाया था क़ी सुप्रीम कोर्ट एवं हाईकोर्ट में लंबित याचिकाओं में काफी समानता है। इस कारण नियमित सुनवाई को उच्च न्यायालय ने बीच में रोक करके सरकार को निर्देशित किया था कि उक्त संबंध में आवश्यक कार्यवाही करे। जबलपुर हाईकोर्ट में ओबीसी आरक्षण मामलों की सुनवाई 27 जून को प्रस्तावित है।