नई दिल्ली: कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) राज्य में चल रहे हिजाब विवाद (Hijab Row) पर सुनवाई शुरू हो गई है. राज्य की छात्राएं हिजाब विवाद पर आने वाले फैसले का इंतजार कर रही हैं. अभी तक, छात्राओं को शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक पोशाक पहनने की अनुमति नहीं है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) ने छात्रों को कोर्ट के अंतरिम आदेश का पालन करने और एकजुट रहने को कहा है. सीनियर एडवोकेट एएम डार ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट की आपत्ति को देखते हुए उन्होंने 5 छात्राओं की ओर से नई याचिका दायर की है. इस याचिका पर 21 फरवरी को कोर्ट सुनवाई करेगी.
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रोफेसर रविवर्मा कुमार ने कर्नाटक हाईकोर्ट से लाइव-स्ट्रीमिंग कार्यवाही को बंद करने और निलंबित करने का आग्रह किया है. कुमार का कहना है कि लाइव स्ट्रीमिंग काउंटरप्रोडक्टिव हो गया है. इस पर अदालत ने कहा कि लोगों को सुनने देना चाहिए कि उत्तरदाताओं द्वारा इस मामले पर क्या रुख किया जा रहा है. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने वरिष्ठ वकील एएम डार से कहा कि अगर आज कार्यवाही पूरी हो जाती है, तो हम इसमें मदद नहीं कर सकते. लेकिन जैसा कि लग रहा है, कार्यवाही सोमवार को भी जारी रहने की संभावना है.
इस्लाम की धार्मिक प्रथाओं के तहत नहीं आता हिजाब
वरिष्ठ अधिवक्ता रविवर्मा कुमार ने एक समान रंग के दुपट्टे पहनने की अनुमति के लिए दायर आवेदन का उल्लेख किया है. उनका कहना है कि राज्य ने आपत्ति दर्ज नहीं की है. कर्नाटक राज्य की ओर से एडवोकेट जनरल ने बहस शुरू की शुरुआत की. उनका कहना है कि राज्य सरकार ने यह स्टैंड लिया है कि हिजाब इस्लाम में आवश्यक धार्मिक प्रथाओं के तहत नहीं आता है. उन्होंने कर्नाटक हाईकोर्ट को बताया कि हिजाब पहनने से संबंधित मुद्दे धार्मिक हो गए और इसलिए राज्य के हस्तक्षेप की मांग की गई. उन्होंने कहा कि विरोध और अशांति जारी थी, इसलिए 5 फरवरी का आक्षेपित आदेश पारित किया गया.
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