भोपाल। मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर एक बार फिर सुनवाई टल गई है। मंगलवार को होने वाली सुनवाई 22 अगस्त को नियत कर दी गई है। ओबीसी आरक्षण के पक्ष और समर्थन में चयनित शिक्षकों की ओर से कुल 63 याचिका दायर की गई है। जिसकी आज सुनवाई होनी थी। लेकिन डबल बेंच ना बैठने के कारण सुनवाई टाल दी गई है। जस्टिस शील नागू और जस्टिस डीडी बंसल की बेंच के समक्ष सुनवाई होना था। रेगुलर बेंच न होने का हवाला न्यायालय ने दिया है। ओबीसी आरक्षण को लेकर मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई थी। जिसमें सरकार का पक्ष रखने के लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को हाईकोर्ट पहुंचना था, लेकिन तुषार मेहता मंगलवार को भी हाईकोर्ट नहीं पहुंच पाए। इससे पहले यानी 25 जुलाई और 1 अगस्त को होने वाली सुनवाई में भी सॉलिसिटर जनरल हाईकोर्ट नहीं पहुंच पाए थे। जिसके चलते लगातार सुनवाई टलती चली गई।
पिछले 3 साल से जारी है बहस
इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग, ओबीसी को 27 या 14 प्रतिशत आरक्षण देने के कानूनी पहलू पर पिछले तीन साल से बहस चल रही है। मामला अब आखिरी छोर पर पहुंच गया है। लिहाजा दोनों पक्ष पूरा जोर लगा रहे हैं।
कुल 63 याचिकाएं विचाराधीन
हाईकोर्ट में ओबीसी आरक्षण को लेकर कुल 63 याचिकाएं विचाराधीन हैं। कुछ याचिकाएं ओबीसी उम्मीदवारों की ओर से दायर की गई हैं। जिनमें 27 फीसदी आरक्षण की मांग की गई है। कुछ याचिकाएं सामान्य उम्मीदवारों की ओर से दायर की गई हैं। जिनमें ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण का विरोध किया गया है। इनमें पीएससी, शिक्षक भर्ती, सांख्यिकी अधिकारी, एडीपीओ समेत अन्य विभागों की नियुक्तियों में कोर्ट ने अंतरिम आदेश के तहत ओबीसी को 14 फीसदी आरक्षण देने कहा है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved